हरियाणा के 200 केंद्रों पर किसानों से धान की खरीद जारी है. नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 3 से 14 अक्टूबर तक यानी 11 दिन में कुल 20,61,203 मिट्रिक टन धान की खरीद कर ली है. वही किसान धान बेच पा रहे हैं जिन्होंने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है. कुरुक्षेत्र में सबसे अधिक 5.66 लाख टन धान खरीदा गया है. जबकि करनाल में 4.57 लाख टन की खरीद हुई है.
उधर, सरकार ने जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि धान खरीद के दौरान किसानों को किसी तरह की कोई समस्या न आए. मंडियों में बारदाना, लिफ्टिंग और लेबर आदि की कोई समस्या न आना सुनिश्चित किया जाए. हैफेड अधिकारियों ने बताया कि उसने अब तक राज्य भर में हैफेड को आवंटित 127 मंडियों और खरीद केंद्रों से 6.24 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की है, जो कुल खरीद का लगभग 30 फीसदी से अधिक है. इससे 60,000 से अधिक किसानों को लाभ मिला है. यह खरीद 15 नवंबर तक चलेगी.
एमडी ने लिया खरीद व्यवस्था का जायजा
हैफेड के प्रबंध निदेशक ए. श्रीनिवास द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान की खरीद की समीक्षा के लिए मंडियों का दौरा किया गया है. हैफेड राज्य की खरीद एजेंसियों में से एक के रूप में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान खरीद रहा है. हैफेड द्वारा एमएसपी पर धान की खरीद की समीक्षा के लिए उन्होंने बरवाला, मुलाना, मुस्तफाबाद और जगाधरी मंडियों का दौरा किया.
श्रीनिवास ने बताया कि प्रदेश में धान की खरीद सुचारू रूप से चल रही है. मंडियों से अब तक 50 प्रतिशत धान उठा लिया गया है और कस्टम मिलिंग के लिए विभिन्न चावल मिलों को आवंटित भी कर दिया गया है. किसानों का भुगतान भी 24 से 48 घंटे के भीतर जारी किया जा रहा है, जबकि लक्ष्य 72 घंटे का है. हैफेड ने अब तक का भुगतान पहले ही जारी कर दिया है.
कितना हुआ भुगतान
धान खरीद की एमएसपी के रूप में अब तक खाद्य विभाग ने 580, हैफेड ने 439 एवं वेयर हाउसिंग कारपोरेशन 159 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है. किसानों के बैंक अकाउंट (Bank Account) में अब तक कुल 1179.47 करोड़ रुपये की रकम ट्रांसफर की जा चुकी है.
भगत ने किया निरीक्षण
हैफेड के अध्यक्ष कैलाश भगत ने पिहोवा, इस्माइलाबाद और अंबाला की मंडियों का दौरा कर धान की खरीद का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने हैफेड के अधिकारियों को प्रदेश के किसानों से धान की सुचारू खरीद के निर्देश भी दिए. भगत ने चावल मिल मालिकों के साथ बैठक भी की और उनकी समस्याओं का समाधान किया. उन्होंने अधिकारियों और मंडी सचिवों को यह भी निर्देश दिया कि धान खरीद सीजन के दौरान किसानों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.