किसानों और व्यापारी संगठनों के भारी विरोध के बाद हरियाणा में सरकार ने धान की खरीद (Paddy procurement) शुरू कर दी है. पिछले चार दिन में यहां 4,56,220 टन धान की खरीद हो चुकी है. मंडियों में धान खूब आया है लेकिन नमी एवं अन्य समस्याओं की वजह से खरीद अभी धीमी है. हरियाणा सरकार ने बताया कि खरीफ खरीद सीजन 2021-22 में धान की खरीद तीन अक्टूबर से 200 खरीद केंद्रों पर की जा रही है. अकेले बृहस्पतिवार को सभी खरीद संस्थाओं द्वारा लगभग एक लाख टन से अधिक धान की खरीद की गई है.
अब तक 47,776 किसानों द्वारा अपनी धान की फसल को बेचने के लिए ई-खरीफ सॉफ्टवेयर के लिंक पर शेड्यूलिंग की गई है. खरीद की गई धान का मंडियों से उठान का कार्य भी शुरू हो चुका है. अब तक 739 निकासी गेट पास काटे जा चुके हैं. मिलिंग के लिए राज्य के सभी जिलों में कुल 1036 राईस मिल (Rice Mill) पंजीकृत की गई हैं. इसी तरह धान उठान के लिए परिवहन ठेकेदार नियुक्त किए गए हैं. राज्य सरकार द्वारा मंडियों में धान खरीद प्रक्रिया के निरीक्षण के लिए आईएएस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है.
किस जिले में कितनी खरीद
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने बताया कि राज्य में धान की खरीद के मुख्य जिलों अम्बाला में 79,493 टन , कैथल 60,014 टन , कुरूक्षेत्र में 1,32,924 टन , करनाल में 77,049 टन तथा यमुनानगर में 79,289 टन धान की खरीद की गई है.
क्या इस बार बढ़ेगी खरीद?
खरीफ मार्केटिंग सीजन (KMS) 2020-21 में हरियाणा सरकार ने सिर्फ 56.55 लाख मिट्रिक टन धान की सरकारी खरीद की थी. जबकि केएमएस 2019-20 में 64.29 लाख मिट्रिक टन धान खरीदा गया था. यानी एक साल में ही एमएसपी पर खरीदे जाने वाले धान में रिकॉर्ड 7.74 लाख मिट्रिक टन (LMT) की कमी.
भारतीय खाद्य निगम के मुताबिक हरियाणा में 2017-18 में 59.58 लाख मिट्रिक टन धान एमएसपी पर खरीदा गया था. जबकि 2018-19 में 58.83 लाख टन की खरीद हुई थी. ऐसे में देखना ये है कि क्या हरियाणा सरकार पिछले साल के मुकाबले ज्यादा खरीद करेगी या फिर इस बार और कमी आ जाएगी.