दस दिन बाद हरियाणा में धान की खरीद शुरू हो जाएगी. इसके लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं. इस वर्ष धान खरीद के लिए करीब 200 खरीद केंद्र बनाए गए हैं. सरकार इस साल धान खरीद के पुराने रिकॉर्ड तोड़ने की कोशिश करेगी. फिलहाल, इस साल धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 1940 रुपये प्रति क्विंटल है. धान की खरीद प्रक्रिया 15 नवंबर तक चलेगी.
राज्य सरकार ने खरीद प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों को सख्त आदेश दिए हैं कि मंडियों फसल बेचने आने वाले किसी भी किसान को कोई समस्या न आए. इसलिए खरीद शुरू होने से पहले ही शैड, सड़कें, पैकेजिंग बैग, तुलाई मशीनें आदि ठीक कर लें. हरियाणा में कृषि विपणन बोर्ड, हैफेड एवं हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन इस खरीद में शामिल होते हैं.
कम हो गई है खरीद
खरीफ मार्केटिंग सीजन (KMS) 2020-21 में हरियाणा सरकार ने सिर्फ 56.55 लाख मिट्रिक टन धान की सरकारी खरीद की है. जबकि केएमएस 2019-20 में 64.29 लाख मिट्रिक टन धान खरीदा गया था. यानी एक साल में ही एमएसपी पर खरीदे जाने वाले धान में रिकॉर्ड 7.74 लाख मिट्रिक टन (LMT) की कमी आ गई. एफसीआई के मुताबिक हरियाणा में 2017-18 में 59.58 लाख मिट्रिक टन धान एमएसपी पर खरीदा गया था. जबकि 2018-19 में 58.83 लाख टन की खरीद हुई थी.
बाजरा खरीद एक अक्टूबर से शुरू होगी
जहां धान की खरीद 25 सितंबर से शुरू होगी वहीं, बाजरा (Bajra), मक्का (Maize), मूंग की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होगी जो 15 नवंबर तक चलेगी. डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के मुताबिक बाजरा के लिए 86, मक्का के लिए 19 और मूंग के लिए 38 खरीद केंद्र बनाए जाएंगे. बाजरा के लिए 2250, मक्का के लिए 1870 रुपये, मूंग के लिए 7275 एवं मूंगफली के लिए 5550 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है.
पोर्टल में कितने किसानों का रजिस्ट्रेशन
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है. धान बेचने के लिए 27 अगस्त तक 2 लाख 90 हजार, बाजरा के लिए 2 लाख 45 हजार व मूंग के लिए 66 हजार से अधिक किसानों (Farmers) ने अपना रजिस्ट्रेशन करवा लिया था. 2020-21 में प्रदेश सरकार ने 75,000 टन बाजरा खरीदा था.