‘पंचमेल’ का मतलब पांच रत्न होता है, जो इसकी पोषण क्षमता और अनोखे स्वाद का प्रतीक है। न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटीशियन शिखा अग्रवाल शर्मा आपको इस दाल की खूबियों के बारे में बता रही हैं।
भारत में दाल तीसरा सबसे ज्याद खाए जाने वाला खाद्य पदार्थ है। दाल खाने में जितनी टेस्ट होती है, उतने ही इससे सेहत को फायदे होते हैं। दालों में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, मिनरलस और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के बेहतर कामकाज के लिए जरूरी हैं।दाल विभिन्न तरह की होती हैं और सबके अलग-अलग फायदे होते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि पहले के जमाने में पंचमेल दाल (Panchmel dal) बनाई जाती थी। यह पांच तरह की दालों का मिश्रण होता है जिसमें मूंग दाल, चना दाल, उड़द दाल, मसूर दाल, और तुअर दाल शामिल होती हैं।ऐसा माना जाता है कि पंचमेल दाल जोधा बाई की पसंदीदा थी, क्योंकि वह शाकाहारी थीं और यह दाल मुगल रसोई में आसानी से मिल जाती थी। औरंगजेब भी एक सख्त शाकाहारी थे और वह नियमित रूप से पंचमेल दाल का सेवन करते थे।
पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में सहायक
यह दाल फाइबर का अच्छा स्रोत है, जो पाचन तंत्र को मजबूत करने में सहायक है। यह कब्ज को रोकने, पाचन सुधारने और आंतों की सेहत के लिए फायदेमंद है। पंचमेल दाल में फैट और कैलोरी कम होती है, जिस वजह से यह वजन घटाने वालों के लिए बेस्ट ऑप्शन है।