बच्चे जब सुबह स्कूल जाते हैं, तो बड़े भारी मन से जाते हैं। उन्हें स्कूल से घर वापस जाने का इंतजार रहता है। वो चाहते हैं कि घर जाकर उनकी बात कोई सुने। स्कूल में दिन अच्छा गया हो या बुरा, पेरेंट्स से कुछ देर बात कर के वो काफी हल्का महसूस करते हैं और सब कुछ भूल जाते हैं।
पेरेंट्स से बातचीत बच्चे की इमोशनल हेल्थ को काफी प्रभावित करती है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि जब आपका बच्चा स्कूल से घर वापस आता है, तो आपको उसके लिए क्या करना चाहिए या उसके साथ कैसे पेश आना चाहिए।
मुझे तुम पर गर्व है –
चुनौतियों से भरे एक लंबे दिन के बाद, प्रोत्साहन के कुछ शब्द बच्चों को सराहना का एहसास करा सकते हैं। चाहे उन्होंने किसी कार्य में उत्कृष्टता हासिल की हो, दयालुता दिखाई हो या कोई प्रयास किया हो, अपने माता-पिता से “मुझे तुम पर गर्व है” सुनना, उन्हें से एहसास दिलाता है कि उनकी कड़ी मेहनत और अच्छा व्यवहार मायने रखता है।
कैसा रहा तुम्हारा दिन-
ये आसान सा दिखने वाला सवाल बहुत महत्व रखता है। इससे आप बच्चे को दिखा रहे हैं कि आप उसकी कितनी केयर करते हैं। आप पूरी जिज्ञासा के साथ बच्चे से ये सवाल पूछें और उसकी बात को ध्यान से सुनें। अगर बच्चा आपसे कुछ कहता है, तो उसे लेकर आप और भी सवाल पूछें।
परफेक्ट बनने की जरूरत नहीं है –
कई बार पढ़ाई को लेकर अपने पेरेंट्स या टीचर की उम्मीदों को लेकर बच्चे डर जाते हैं। उन्हें एक्स्ट्रा कर्रिकुलर एक्टिविटीज में अच्छा परफॉर्म करने का डर भी सताने लगता है। जब बच्चा स्कूल से घर आता है, तब आप उससे कहें कि उसे परफेक्ट बनने की कोई जरूरत नहीं है। इससे बच्चे को काफी राहत महसूस होगी।
मदद करने के लिए मैं हूं –
बच्चों के पास होमवर्क, प्रोजेक्ट असाइनमेंट और कभी-कभी सोशल प्रेशर भी होता है। अगर उन्हें लगता है कि माता-पिता किसी मुश्किल काम में मदद करके या किसी समस्या को सुनकर उनका साथ दे रहे हैं, तो इससे उनका कुछ तनाव कम हो सकता है। आप बच्चे से कहें कि “मैं आपकी मदद करने के लिए मौजूद हूं”।
फन एक्टिविटी करें-
जब बच्चे स्कूल से लौटते हैं, तो उन्हें तनावमुक्त करने और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए मजेदार एक्टिविटीज कर सकते हैं। स्नैक बनाने से शुरुआत करें, जहां वे रंगीन फलों को काटकर सैंडविच बना सकते हैं। उनकी पसंदीदा बुक की रीडिंग करें