नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के पांचवें दिन विपक्ष के सांसदों ने आज फिर अडानी रिश्वत मामले, संभल हिंसा, मणिपुर व अन्य मुद्दों पर अपना विरोध जारी रखा, जिसके बाद बिना किसी कामकाज राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई है। वहीं लोकसभा की कार्यवाही फिलहाल दोपहर तक स्थगित की गई है।
नियम 267 के तहत आज 17 नोटिस मिले : सभापति
शीतकालीन सत्र के पहले दिन (25 नवंबर) से विपक्ष के सांसद उपरोक्त मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। सुबह के सत्र में आज सूचीबद्ध पत्रों को सदन के पटल पर रखने के तुरंत बाद राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्हें सदन के नियम 267 के तहत निर्धारित कार्य स्थगित करने के लिए 17 नोटिस मिले हैं।
नोटिस खारिज, विरोध प्रदर्शन व नारेबाजी
विपक्षी सांसदों के नोटिस अडानी समूह के खिलाफ भ्रष्टाचार और गलत कामों के आरोपों, उत्तर प्रदेश के संभल में सांप्रदायिक हिंसा और मणिपुर में जातीय संघर्षों पर चर्चा के लिए थे। सभापति ने कहा कि वह सभी नोटिस खारिज कर रहे हैं। इसके कारण कई विपक्षी सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया और नारे लगाने लगे।
कार्यवाही 2 दिसंबर तक स्थगित
जगदीप धनखड़ ने हंगामा बंद न होता देखकर सदन की कार्यवाही 2 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी। इस बीच, अडानी विवाद और संभल में हाल ही में हुई हिंसा पर विपक्षी सदस्यों के जोरदार विरोध के बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के सदस्यों ने विभिन्न मुद्दे उठाने की कोशिश की। कुछ सदस्य, जिनमें ज्यादातर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के थे, सदन के वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे।
लोकसभा में सिर्फ दो प्रश्न उठाए जा सके
लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन को चलने दिया जाना चाहिए और प्रश्नकाल सदस्यों का समय है। उन्होंने कहा कि लोग चाहते हैं कि सदन चले और चर्चा होनी चाहिए। प्रश्नकाल के दौरान दो प्रश्न उठाए गए जो करीब 10 मिनट तक चले। शोर-शराबा जारी रहने पर कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई।