दशकों से हरियाणा के जिला यमुनानगर व यूपी के जिला सहारनपुर के लोगों की यमुनानदी पर पुल बनाने की मांग चली आ रही थी।
यमुनापार बूडिया आदि के गांवों के लोग पुल बनाने की मांग को लेकर कई बार चुनावों के बहिष्कार करने तक की चेतावनी भी दे चुके थे। इसे लेकर कई साल से खादर विकास संघर्ष समिति भी प्रयास कर रही थी।
समिति के सदस्यों ने हरियाणा, यूपी व केंद्र की सरकार को इसे लेकर कई पत्र भी लिखे थे। पिछले कुछ समय से बूडिया इलाके के मंडोली गगड़ से लगते यूपी के सौंधेबास के पास नदी पर पुल का काम हो रहा है। इसका निर्माण उत्तर प्रदेश सेतु निगम द्वारा किया जा रहा है। पुल निर्माण का कार्य शुरू होने से जगाधरी, बूडिया, छछरौली व यूपी के बेहट, चिलकाना, पटहेड़ आदि इलाके के सैकड़ों गांवों के लोगों को परेशानी से निजात मिलने की उम्मीद बंधी है।
यह बोले ग्रामीण
पूर्व चेयरमैन मोहन जयरामपुर, प्रधान सुभाष चंद सौंधेबास, बालिस्टर गुर्जर सौंधेबास, प्रधान नंबरदार संघ सुन्हैरा सिंह तेलीपुरा, बलींद्र सिंह टापू माजरी, पूर्व सरपंच अरशद पोसवाल , सुरेश राणा कानालसी, इस्लाम गुर्जर मुकारमपुर, खादर विकास संघर्ष समिति के प्रधानअशोक कुमार, विशाल खदरी, सुशील नवाजपुर , प्रदीप नंबरदार लाकड़, राणा किरण पाल, जिला परिषद के पूर्व सदस्य नवाब जैलदार मंडोली, शिवचरण मंडोली, आदि का कहना है कि यमुना नदी से लगते एक दर्जनों गांवों की आर व पार जमीन है। यमुना नदी में पानी आने पर उन्हें करीब 40 किलोमीटर लंबा सफर कर वाया शाहजहांपुर यूपी से जगाधरी व यमुनानगर आना पड़ता है। पुल बनने से लोगों को परेशानी से राहत मिलेगी। इसके अलावा क्षेत्र का विकास भी होगा। पूर्व चेयरमैन मोहन जयरामपुर, बालिस्टर सौंधेबास, प्रधान सुभाष गुर्जर आदि का कहना है कि यमुना के पार व वार के लोगों का आपस में रोटी-बेटी का नाता भी है। उन्होंने पुल निर्माण को लेकर यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी, सांसद प्रदीप चौधरी व विधायक मुकेश चौधरी का आभार जताया है।
44 करोड़ की लागत से बन रहा आधा किलोमीटर लंबा पुल
मंडोली गगड़ गांव से कुछ दूर यूपी के आल्हनपुर-सौंधेबास घाट पर करीब 44 करोड़ रुपये की लागत से पुल यूपी सेतु निगम द्वारा बनाया जा रहा है। कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारी विजय सिंह ने बताया कि करीब आधा किलोमीटर लंबे इस पुल में कुल 18 दर होंगे। उन्होंने कहा कि 33 माह में इसका कार्य पूरा होना है। पुल बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है। अगले मानसून के सीजन से पहले पुल बनाने का काफी कार्य पूरा हो जाने की उम्मीद है।