बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण देश में गेहूं की पैदावार पर असर पड़ा है. इसकी खरीद के लिए सरकार मानदंडों में ढील दे रही है.
भारत सरकार ने बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों से गेहूं की खरीद के मानदंडों में ढील देने की योजना बनाई है. इसका सबसे ज्यादा फायदा मध्य और उत्तरी राज्यों को होने वाला है. गेहूं बाजार में आ गया है, लेकिन हाल की बारिश के कारण कुछ जिलों में फसल की चमक फीकी पड़ गई है. खराब फसल के कारण पिछले साल खरीद 53% गिरकर 18.8 मिलियन टन रह गई थी.
अधिकारी ने कहा, ” सरकार ने मध्य प्रदेश राज्य को 10% नुकसान के साथ भी गेहूं की खरीद करने की अनुमति दी है. यदि आवश्यक हुआ तो हम अन्य राज्यों और नमी जैसे अन्य मानकों पर भी विचार करेंगे.पंजाब के बाद मध्य प्रदेश गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में 2022 में खरीदे गए कुल गेहूं का 98% से अधिक हिस्सा था.
एक व्यापारी ने कहा, पिछले कुछ दिनों में बारिश के कारण पंजाब और हरियाणा में भी गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है और सरकार को इन राज्यों के खरीद नियमों में इसी तरह के बदलाव करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. व्यापारी ने कहा कि कम चमक वाली फसल बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाली फसल के मुकाबले बड़े डिस्काउंट पर बेची जा रही है और सरकार की खरीद इस संकट की बिक्री को रोक लगा सकती है.