PM आवास योजना – पीएम आवास योजना में अब 100% फीसदी महिलाएं होंगी मालिक, सरकार के फैसले के पीछे वजह क्या है?

parmodkumar

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पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत दूसरे चरण का सर्वे शुरू हो रहा है। ग्रामीण आवास योजना को सशक्तिकरण के हथियार में बदलते हुए केंद्र सरकार का लक्ष्य गरीबों के लिए बनाए जा रहे घरों का शत-प्रतिशत स्वामित्व महिलाओं को सुनिश्चित करना है। PMAY (ग्रामीण) के दूसरे चरण में सरकार इस अनिवार्य शर्त को सख्ती से लागू करेगी कि मकान लाभार्थी परिवारों की महिला सदस्यों के नाम पर रजिस्टर्ड किए जाएं।

योजना को 8 साल हुए पूरे

बुधवार को पीएमएवाई के आठ साल पूरे हो रहे हैं। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में आगरा में लॉन्च किया था। महत्वपूर्ण बात यह है कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय दूसरे चरण के लाभार्थियों की पहचान करने के लिए एक नया सर्वेक्षण आवास-प्लस 2024 शुरू कर रहा है। इसमें ‘स्वयं सर्वेक्षण’ का प्रावधान है, ताकि सर्वेक्षणकर्ताओं की तरफ से छोड़े गए परिवारों की अक्सर सुनी जाने वाली शिकायतों को दूर किया जा सके

सर्वे में 10 मानदंड

सर्वेक्षण में 10 मानदंड हैं। इनके आधार पर कोई इच्छुक व्यक्ति इस योजना के तहत पात्र बनेगा। जबकि सरकार के पास 1.2 करोड़ लाभार्थियों की तैयार सूची है। सर्वेक्षण 2024-29 तक दूसरे चरण के लिए दो करोड़ लक्ष्य को पूरा करने के लिए शेष 80 लाख व्यक्तियों की पहचान करेगा। हालांकि, पहचाने गए सरप्लस नाम भविष्य के लिए सूची में होंगे। लाभार्थियों की मूल सूची SECC 2011 पर आधारित थी। इसके बाद इसे ‘आवास-प्लस 2018’ सर्वेक्षण के माध्यम से अपडेट कि!

महिलाओं को 100% मालिकाना हक

पीएमएवाई (ग्रामीण) में ‘महिला स्वामित्व’ और ‘संयुक्त स्वामित्व’ का विकल्प है। वहीं, सब्सिडी वाले घरों के निर्माण में ‘केवल पुरुषों’ के रजिस्ट्रेशन को खारिज कर दिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महिलाओं पर विशेष ध्यान देने के कारण इस योजना में स्वीकृत घरों में से 74% का स्वामित्व अकेले या संयुक्त रूप से महिलाओं के पास है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि योजना का उद्देश्य दूसरे चरण में महिलाओं को 100% स्वामित्व प्रदान करना है।