पीएम मोदी ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को दी श्रद्धांजलि, कहा- उनका जीवन देशवासियों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा।

Parmod Kumar

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भारत के इतिहास में दो अक्टूबर के दिन का एक खास महत्व है. यह दिन देश की दो महान विभूतियों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिन के तौर पर इतिहास के पन्नों में दर्ज है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी 152वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनका जीवन और आदर्श देश की हर पीढ़ी को कर्तव्य पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता रहेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि. पूज्य बापू का जीवन और आदर्श देश की हर पीढ़ी को कर्तव्य पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता रहेगा.’ उन्होंने लिखा, ‘गांधी जयंती पर मैं आदरणीय बापू को नमन करता हूं. उनके महान सिद्धांत विश्व स्तर पर प्रासंगिक हैं और लाखों लोगों को ताकत देते हैं.’

बापू के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक: पीएम मोदी

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) का जन्म दो अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. उनके कार्यों तथा विचारों ने देश की स्वतंत्रता और इसके बाद आजाद भारत को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई थी. अंग्रेजी हुकूमत से भारत को आजाद कराने की लड़ाई का उन्होंने नेतृत्व किया था. अहिंसक विरोध का उनका सिखाया हुआ सबक आज भी पूरी दुनिया में सम्मान के साथ याद किया जाता है.

 

पीएम मोदी ने लाल बहादुर शास्त्री को जयंती पर किया नमन

पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी उनकी जयंती पर नमन किया और कहा कि मूल्यों और सिंद्धांतों पर आधारित उनका जीवन देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बना रहेगा. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन. मूल्यों और सिद्धांतों पर आधारित उनका जीवन देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बना रहेगा.’

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म दो अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था. उनके पिता एक स्कूल शिक्षक थे. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद वह 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. उनकी सादगी और विनम्रता के लोग कायल थे. उन्होंने वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया था. शास्त्री को उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिए आज भी पूरा देश श्रद्धापूर्वक याद करता है.