तोगड़िया ने कहा कि जहां शिक्षा, टेक्नोलॉजी, रिसर्च व व्यापार नहीं, वहां आर्थिक विकास की संभावना नहीं है। साथ ही बोले कि किसानों के समर्थन मूल्य का आंदोलन सफल होगा, किसान ही अपनी फसल का मूल्य खुद तय करेगा।

जिस देश में शिक्षा, टेक्नोलॉजी, रिसर्च और व्यापार नहीं, वहां आर्थिक विकास की संभावना नहीं जताई जा सकती है। आज के समय में देश के अंदर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का ढांचा ही तैयार नहीं है। शिक्षा दिन-प्रतिदिन महंगी होती जा रही है, गरीब इंसान अपने बच्चे को आज के समय डॉक्टर नहीं बना सकता। यह बातें बुधवार को रोहतक में मेडिकल मोड़ स्थित एक निजी हाॅस्टल में आयोजित कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के संस्थापक प्रवीण तोगड़िया ने विद्यार्थियों के समक्ष कहीं। वहीं बाद में जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा के आवास पर उन्होंने कहा कि किसानों के समर्थन मूल्य का आंदोलन सफल होगा। क्योंकि किसान ही अपनी फसल का मूल्य खुद तय करेगा।
प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि कुछ देश 6 जी से भी आगे निकल चुके हैं, लेकिन हमारा देश अभी 5 जी में ही अटका पड़ा है। पिछले 30 साल से महंगी शिक्षा का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में जो गाइडेंस और रिसर्च का प्रारूप तैयार होना चाहिए, वह अभी तक धरातल स्तर से भी ऊंचा नहीं उठ पाया है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बजरंग दल के पदाधिकारी लोगों को संगठन से जोड़ने का काम करें। किसी भी हिंदू के अपमान को सहन नहीं किया जाएगा। तमाम कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर पीड़ित हिंदू को लोकतांत्रिक तौर से मदद दिलवाएं।
देश के 100 करोड़ हिंदुओं को राम मंदिर निर्माण का श्रेय जाता है। किसी भी व्यक्ति या दल विशेष को इसका श्रेय नहीं है। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के महामंत्री डॉ. मुकेश व जिला परिषद चेयरपर्सन मंजू हुड्डा समेत हाॅस्टल के छात्र उपस्थित रहे।
हिंदू हेल्पलाइन नंबर से पांच तरह की मिलेगी मदद
प्रवीण तोगड़िया ने बताया कि हिंदू हेल्पलाइन नंबर 02066803300 की मदद से पांच तरह की मदद ली जा सकती है। इसमें बीमारी होने पर डॉक्टर की निशुल्क मदद, ब्लड व स्वास्थ्य से संबंधित किसी बीमारी का इलाज भी शामिल है। सड़क पर किसी भी तरह की घटना होने पर तुरंत मदद मिलेगी। लीगल मदद और किसी भी मामले में निशुल्क एडवोकेट उपलब्ध करवाया जाएगा। तीर्थ यात्रा के दौरान किसी भी तरह की समस्या होने पर तुरंत समाधान के लिए मदद दी जाएगी।
रामायण, महाभारत और वेद को पाठ्यक्रम में जोड़ने का निर्णय सही
एनसीईआरटी द्वारा पाठ्यक्रमों में महाभारत, रामायण और वेद को जोड़ने का निर्णय सही है। इससे विद्यार्थियों को रामायण और वेदों के बारे में सीखने को मिलेगा। बहुत वर्षों बाद देश में अपने इतिहास को इतिहास मानने का काम किया है। इससे विद्यार्थियों को पुरानी परंपराओं और वेदों के बारे में काफी कुछ सीखने को मदद मिलेगी।