लड़कियों संग डांस करते समय 14 वर्ष की उम्र में किशोर को स्वयं के लड़की होने का एहसास हुआ पर वर्षों तक परिजन इससे अंजान रहे। मामला तब जगजाहिर हुआ जब प्रतियोगी छात्र ने लड़का से लड़की बनने के लिए अपना निजी अंग ही काट लिया।
माता-पिता ने इकलाैते बेटे को पढ़ा लिखाकर अफसर बनाने का ख्वाब संजोया था। इसे लेकर आर्थिक तंगी के बावजूद बेटे को सीबीएसई बोर्ड से पढ़ाया लिखाया। उसकी हर जरूरतों का ख्याल रखा। माता-पिता की इच्छा का सम्मान करते हुए बेटा भी यूपीएससी की तैयारी के लिए अमेठी से प्रयागराज आया पर उसके दिमाग में कुछ और ही पल रहा था। वह लड़का से लड़की बनना चाहता था। इसके लिए वह यू-ट्यूब और गूगल पर भी जानकारी लेता रहता था।














































