दिल्ली में G-20 से जुड़ी बैठक की तैयारियां शुरू, मेहमानों के लिए हो रहा खास इंतजाम

Parmod Kumar

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चीन के विदेश मंत्री किन गैंग 2 मार्च, गुरुवार को दिल्ली में जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे. यह जानकारी समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से सामने आई है. किन गैंग की उपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, ‘जी-20 को वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रमुख चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. चीन यह सुनिश्चित करने के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने के लिए तैयार है कि जी -20 विदेश मंत्रियों की बैठक बहुपक्षवाद पर सकारात्मक संकेत भेजे.

विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को घोषणा की किन गैंग बैठक में भाग लेने के लिए इस सप्ताह भारत की यात्रा करेंगे. उनके भारतीय समकक्ष एस जयशंकर ने उन्हें निमंत्रण भेजा था. वहीं, भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में 31 महीने से अधिक समय से सीमा पर गतिरोध बना हुआ है. जून, 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में घातक झड़प के बाद द्विपक्षीय संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था.

दोनों देश सीमा पर तनाव कम करने पर जोर दे रहे
भारत कहता रहा है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्र में शांति नहीं होगी तब तक संबंध सामान्य नहीं हो सकते. विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों देशों के बीच राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से चर्चा चल रही है. मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष सामान्य स्थिति में लौटने और सीमा पर तनाव कम करने और पीछे हटने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांगत्से में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर नौ दिसंबर को दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच झड़प के बाद भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया था.

रक्षा मंत्री ने कही थी ये बात
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 13 दिसंबर को संसद में कहा था कि चीनी सैनिकों ने यांगत्से क्षेत्र में यथास्थिति को ‘एकतरफा’ तरीके से बदलने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने अपनी दृढ़ और दृढ़ प्रतिक्रिया से उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर किया. दोनों देशों ने 22 फरवरी को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ टकराव वाले दो शेष क्षेत्रों में पीछे हटने के प्रस्तावों पर चर्चा की थी ताकि संबंधों में ‘सामान्य स्थिति बहाल करने’ के लिए स्थितियां पैदा की जा सकें. तीन साल से अधिक समय में किसी शीर्ष भारतीय अधिकारी की यह पहली चीन यात्रा थी.