सरकारी स्कूल जहां नए सत्र के दाखिलाें काे लेकर प्रवेश उत्सव मना रहे हैं, वहीं प्राइवेट स्कूल फीस उत्सव मनाने में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, क्याेंकि बिना किसी अनुमति के प्राइवेट स्कूलाें ने पहली कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक एनुअल चार्ज जाेड़कर मासिक ट्यूशन फीस में प्रति छात्र 1300 से लेकर 1500 रुपये तक बढ़ोतरी कर दी है। हैरानी की बात यह है कि अभी तक जिले में किसी भी प्राइवेट स्कूल ने फीस वृद्धि के लिए शिक्षा विभाग से अनुमति तक नहीं ली है। नए शैक्षणिक सत्र के लिए स्कूलाें में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हाे चुकी है। प्राइवेट स्कूल में प्रवेश पाने वाले छात्र-छात्राओ से एडमिशन फीस नहीं ले रहे हैं, जाे लगभग 10 से 14 हजार रुपये प्रति छात्र हाेती थी, लेकिन इस बार एडमिशन फीस और एनुअल चार्ज काे मासिक फीस में जाेड़ दिया गया है। इससे पिछले साल की बजाय इस बार प्राइवेट स्कूलाें में अपने बच्चाें काे पढ़ाने के लिए अभिभावकों काे प्रति बच्चा 4 से 10 हजार रुपये ज्यादा खर्च करने हाेंगे। नियमाें के अनुसार प्राइवेट स्कूल प्रति साल पांच प्रतिशत तक फीस वृद्धि कर सकते हैं, लेकिन शिक्षा विभाग की अनुमति मिलने के बाद वह 10 प्रतिशत तक फीस की वृद्धि कर सकते हैं। इसके लिए स्कूलाें काे फार्म-6 भरना हाेता है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि जिले के किसी भी प्राइवेट स्कूल ने 10 प्रतिशत फीस वृद्धि की भी अनुमति अभी नहीं ली है, जबकि अधिकतर स्कूलाें ने अपनी मर्जी से ही सालाना 4 से 10 हजार रुपये तक प्रति छात्र के हिसाब से फीस के ताैर पर वृद्धि कर दी है। प्राइवेट स्कूलाें ने मासिक ट्यूशन फीस 60 प्रतिशत तक बढ़ा दी गई है, लेकिन नियमाें के अनुसार दस प्रतिशत ही फीस बढ़ सकती है। इसके लिए भी शिक्षा विभाग के पाेर्टल पर फार्म 6 भरना हाेता है अाैर फीस वृद्धि का कारण दर्शाना हाेता है। स्वीकृति के बाद ही फीस वृद्धि की जा सकती है। जिले में 12 से 17 आयु तक के लगभग 70 हजार बच्चे है। इनमें से लगभग 60 प्रतिशत बच्चे प्राइवेट स्कूलाें में पढ़ाई कर रहे हैं, अगर औसतन प्रत्येक बच्चे पर सात हजार रुपये सालाना अतिरिक्त फीस ली गई ताे अभिभावकों की जेब पर 29 कराेड़ से ज्यादा की राशि का अतिरिक्त बाेझ पड़ेगा। इसी तरह से अगर पांच से 11 साल तक के प्राइवेट स्कूलाें में पढ़ने वाले बच्चाें काे जाेड़ा जाए ताे यह अतिरिक्त राशि 35 कराेड़ रुपये से भी अधिक हाे सकती है। जिला शिक्षा अधिकारी रामअवतार शर्मा ने बताया कि प्राइवेट स्कूल फार्म 6 भरने के बाद ही 10 प्रतिशत तक फीस वृद्धि कर सकते हैं। इससे भी अनुमति मिलने के बाद ही बढ़ाया जा सकता है। अगर किसी ने बिना अनुमति के फीस बढ़ाई है ताे उसकी जांच की जाएगी।