शहरी क्षेत्रों में कृषि भूमि पर नहीं लगेगा संपत्ति कर, ऐसा प्रावधान करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य

Parmod Kumar

0
513

हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में केवल कृषि के लिए उपयोग की जाने वाली भूमि पर अब कोई संपत्ति कर नहीं लगेगा। सरकार ने विधानसभा में विधेयक के जरिये संपत्ति कर लगाने वाली धारा में संशोधन किया है। ऐसा प्रावधान करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। राज्य सरकारों को संविधान के प्रावधान के अनुसार भूमि एवं भवनों पर संपत्ति कर लगाने का अधिकार है। इसके आधार पर सभी राज्य भूमि एवं भवनों पर संपत्ति कर लगाते हैं। हरियाणा सरकार ने संपत्ति कर को केवल संपत्ति की कीमत के आधार पर लगाने के लिए एक न्यूनतम दर निर्धारित करने का प्रावधान किया है। पालिकाओं को इन न्यूनतम दरों से उच्च दरों पर संपत्ति कर लगाने का भी अधिकार होगा। यह संशोधन केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय की सिफारिशों के मद्देनजर किया गया। मंत्रालय की सिफारिशों में प्रचलित सर्कल रेट, गाइडलाइन रेट के अनुरूप संपत्ति कर के फ्लोर रेट अधिसूचित करना, संपत्ति कर में समय-समय पर मूल्यवृद्धि के अनुरूप नई प्रणाली बनाना शामिल है। संपत्ति कर में इन सुधारों को लागू करने से सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का अतिरिक्त 0.25 प्रतिशत उधार के तौर पर मिलेगा। अब तक इस प्रकार का संशोधन राजस्थान, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश व मणिपुर ने किया है। जिस पर वित्त मंत्रालय ने उन्हें अतिरिक्त उधार के रूप में 0.25 प्रतिशत देने की सिफारिश कर दी है। गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगम की वित्तीय अनियमितताओं का ऑडिट होगा। हरियाणा के महालेखाकार बीते 5 वर्ष में खर्च हुई राशि का रिकॉर्ड खंगालेंगे। फरीदाबाद नगर निगम के एलईडी घोटाले की भी उच्च स्तरीय जांच होगी। हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने मंगलवार को विधानसभा में यह जानकारी दी।