हरियाणा सरकार की खेल नीति 2021 के तहत राष्ट्रीय स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक हासिल करने वाले खिलाड़ियों को खेल कोटे में ग्रुप सी की नौकरी का प्रावधान किया गया है। इसी के चलते हाईकोर्ट ने सरकार को याची को नौकरी देने पर आठ सप्ताह के भीतर फैसला लेने का आदेश दिया है।
प्रदेश सरकार की खेल नीति के तहत खिलाड़ी को नौकरी न दिए जाने के मामले में दाखिल याचिका का पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने निपटारा करते हुए सरकार को याची को नौकरी देने पर आठ सप्ताह के भीतर फैसला लेने का आदेश दिया है। हरियाणा सरकार की खेल नीति 2021 के तहत राष्ट्रीय स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक हासिल करने वाले खिलाड़ियों को खेल कोटे में ग्रुप सी की नौकरी का प्रावधान किया गया है।
खेल नीति-2021 के तहत मिलनी थी ग्रुप-सी की नौकरी, कुछ को ही मिली
सोनीपत की खिलाड़ी सविता ने वर्ष 2015 में हरियाणा की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुए राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता में भाग लिया था। यह प्रतियोगिता कोची में हुई थी और सविता इस प्रतियोगिता में टीम इवेंट में गोल्ड मेडल लेने में सफल रही थी। इसके बाद उसने सरकार की 2021 की पॉलिसी के तहत नौकरी के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली। इसके बाद सविता ने अपने वकील आफताब खारा के मार्फत पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
याची ने कहा- सरकार नहीं दे रही सही जवाब
वकील ने कोर्ट में दलील दी कि सविता के साथ के खिलाड़ियों को सरकार की खेल नीति 2021 के तहत नौकरी मिल चुकी है। यहां तक कि पुरुष खिलाड़ियों को भी नौकरी दे दी गई है, तो सविता को इससे वंचित क्यों रखा है। उन्होंने अदालत में यह भी बताया कि सविता की नौकरी के मामले में सरकार सही जवाब नहीं दे रही और इसे लगातार लंबित रखे हुए है, जोकि न्यायोचित नहीं है।