पंजाब में विधानसभा चुनाव के दिन नज़दीक आ रहे हैं, सभी सियासी पार्टियां अपनी राजनीतिक पकड़ को मज़बूत करने में जुटी हुई हैं। हाल ही में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने लखीमपुर खीरी कांड में पंजाब सरकार द्वारा किए गए मुआवज़े की घोषणा पर सरकार को घेरने की कोशिश की उन्होंने कहा कि यूपी की तर्ज़ पर पंजाब में भी किसानों को मुआवज़ा दिया जाए। वहीं अब भारतीय जनता पार्टी पंजाब के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने भी पंजाब सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पंजाब और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने यूपी के पीड़ितों के लिए 50 लाख रुपए की घोषणाएं की । पंजाब में कपास की बर्बादी की वजह से किसान आत्महत्या कर रहे वह इन्हें नज़र नहीं आ रहा है।
सरकार नहीं ले रही सुध
भारतीय जनता पार्टी पंजाब के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने मालवा में किसानों की आत्महत्या पर दुख ज़ाहिर किया। उन्होंने कहा कि गुलाबी सुंडी की वजह से कपास की फसल बर्बाद हो गई जिसकी वजह से किसान आत्महत्या कर रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के गृह क्षेत्र मालवा में गुलाबी सुंडी के हमले से कपास की फसल को नुकसान हुआ। सीएम चन्नी वहां के किसानों की कोई सुध नहीं ले रहे हैं। पंजाब में कांग्रेस सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने पीड़ितों को 45 लाख रुपए का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। वहीं पंजाब और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने अलग-अलग अपने-अपने स्तर पर 50 लाख रुपए की घोषणा की है। पंजाब में कपास की बर्बादी की वजह से किसान सुसाइड कर रहे हैं, वह इन लोगों को दिखाई नहीं दे रहा है। पंजाब के पड़ोसी राज्य हरियाणा में सरकार द्वारा किसानों को 11 फसलों पर एमएसपी दे रही है साथ ही जनता को कई और सौगात भी दिए जा रहे हैं।
CM चन्नी पर निशाना
भाजपा पंजाब के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा 90 हज़ार करोड़ रुपए किसानों को और मजदूरों के लिए क़र्ज़ माफ़ी की घोषणा की थी लेकिन आज तक इस पर अमल नहीं किया गया है। किसान आंदोलन में अब तक पंजाब के क़रीब 700 लोगों जान जा चुकी है, लेकिन पंजाब की कांग्रेस सरकार ने आज तक इस मामले में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। उन्होंने कहा कि सीएम चन्नी सिर्फ़ नाटक कर रहे हैं और सिद्धू उससे भी बड़े नाटककार हैं। मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए सिद्धू की दौड़ है, अगर वह सीएम बन गए होते तो पंजाब कांग्रेस में जो आज तमाशा चल रहा है वो पहले ही ख़त्म हो गया होता। पंजाब के मृतक किसानों के परिजनों को एक से पांच लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की और दूसरे प्रदेशों में 50 लाख रुपए का मुआवज़ा देना। यह दो तरह के मापदंडों से पंजाब सरकार का न्याय साफ़ तौर पर दिख रहा है। सीएम चन्नी पंजाब के किसानों के साथ भेदभाव कर रहे हैं।
SAD ने भी साधा निशाना
लखीमपुर खीरी कांड के ज़रिए शिरोमणि अकाली दल ने भी ख़ुद की सियासी ज़मीन मज़बूत करने की कोशिश कर रही है। सुखबीर सिंह बादल ने लखीमपुर खीरी कांड में मृतक के परिजनों को दिए गए मुआवज़े को मुद्दा बनाया है। उनका कहना है कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश में पीड़ितों को मुआवजे के लिए ऐलान किया गया उसी तर्ज़ पर पंजाब में भी घोषणाएं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब में सभी मृतकों के परिजनों को नौकरी नहीं दी जा रही हैं। 900 के क़रीब पीड़ित परिवारों को भी 50 लाख मुआवज़ा देने के साथ नौकरी भी दी जाए। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब में कपास की फ़सल का भी काफी नुकसान हुआ है। सरकार जल्द से जल्द हुए नुकसान की गिरदावरी करवाए और किसानों को उचित मुआवज़ा दिया जाए। पंजाब में सरकार मुआवज़ा दे नहीं रही है और दूसरे राज्यों में सियासत कर रही है।