पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सियासी घमासान के बीच सिद्धू को दी ये नसीहत, समझिए क्या है कलह की पूरी कहानी

Parmod Kumar

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पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र जहां सियासी पार्टियां चुनावी तैयारियों में जुटी हुई है वहीं पंजाब कांग्रेस अंतर्कलह का शिकार हो रही हैं। हालांकि पंजाब के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पार्टी की अंदरूनी कलह का समाधान निकालने की पुरज़ोर कोशिश कर रहे हैं बावजूद इसके कांग्रेस में मचे सियासी घमासान पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू से कांग्रेस आलाकमान नाराज़ है वहीं सीएम चरणजीत सिंह चन्नी भी सिद्धू की हरकतों से ख़फ़ा नज़ आ रहे हैं। सिद्धू के इस्तीफ़ दिए हुए 6 दिन बीत चुके हैं लेकिन उन्हें कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें नहीं मनाया। अब मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी भी सिद्धू को खरी-खरी सुना रहे हैं।

सिद्धू को नहीं दी जा रही तरजीह

पंजाब कांग्रेस में सीएम चन्नी के रुख से ये साफ़ लग रहा है नवजोत सिंह सिद्धू अब इस्तीफा वापस लेने के लिए मजबूर हैं। बावजूद इसके नवजोत सिंह सिद्धू अभी भी नई सरकार पर हमलावर हैं। लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू की बातों को अब कांग्रेस हाईकमान तरजीह नहीं दे रहा है। सियासि गलियारों में यह हलचल है कि नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष लाल सिंह और समाना से उनके विधायक बेटे काका राजिंदर सिंह से मुलाक़ात की ताकि उनके ज़रिए बीच का रास्ता निकाला जा सके। कांग्रेस आलाकमान की सिद्धू से नाराज़गी ये बड़ी वजह सामने आ रही है। सबसे पहले तो नवजोत सिंह सिद्धू को सुनील जाखड़ को हटाकर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया। जिसकी वजह से जाखड़ आलाकमान से नाराज़ हो गए।

पंजाब कांग्रेस में काफ़ी बदलाव

पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू की वजह से काफ़ी बदलाव किए गए। सिद्धू के वजह कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुखमंत्रीपद से इस्तीफ़ा दे दिया जिसकी वजह से पंजाब में कांग्रेस ने पुराना साथी खो दिया। इसके बावजूद भी नवजोत सिंह सिद्धू संतुष्ट नहीं हुए। उनके कहने पर सुखजिंदर सिंह रंधावा को पंजाब का सीएम नहीं बनाकर चरणजीत सिह चन्नी को सीएम बनाया गया। चन्नी के नाम की सिफारिश भी नवजोत सिंह सिद्धू ने ही की थी। अब नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिह चन्नी के कामकाज से भी नाख़ुश हैं। सिद्धू को मनाने के लिए CM चन्नी ने उनके साथ बैठक की कई बातों पर सहमति बनी, इसके बावजूद नवजोत सिंह सिद्धू DGP और AG को हटाने पर अड़े हुए हैं।

सोशल मीडिया के सहारे सिद्धू

नवजोत सिंह सिद्धू पार्टी के नियमों के ख़िलाफ़ संगठन और सरकार से बात करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने इस्तीफ़े की बात भी सोशल मीडिया के ज़रिए ही बताई थी। अब कांग्रेस आलाकमान की तरफ़ से तरजीह नहीं मिलने और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की बयानबाज़ी से नवजोत सिंह सिद्धू भी परेशारान नज़र आ रहे हैं। आपको बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ सुपर CM की तरह किरदार निभाना चाह रहे थे। इसके लिए उन्होंने कोशिश भी की लेकिन मीडिया के मामला उठाने पर कांग्रेस आलाकमान की तरफ़ सिद्धू की क्लास लगा दी गई। ग़ौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू आगामी विधानसभा चुनाव उनकी अगुवाई में लड़ने और उन्हें सीएम पद का दावेदार घोषित करने के लिए पुरज़ोर कोशिश में हैं लेकिन कांग्रेस हाईकमान इसके लिए राज़ी नहीं है।

सिद्धू की उम्मीदों पर फिरा पानी

नवजोत सिंह सिद्धू एडवोकेट डीएस पटवालिया को एडवोकेट जनरल बनाना चाहते थे लेकिन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने एडवोकेट एपीएस देयोल को एडवोकेट जनरल बना दिया। वहीं नवजोत सिंह सिद्धू चाहते थे सिद्धार्थ चट्‌टोपाध्याय को डीजीपी बनाया जाए। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने नवजोत सिंह सिद्धू की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए इकबालप्रीत सहोता को डीजीपी बना दिया। सीएम चन्नी कांग्रेस आलाकमान को विश्वास में लेकर सारे फ़ैसले ले रहे हैं इसलिए कांग्रेस हाईकमान भी पूरी तरह से सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के साथ खड़ा नजर आ रहा है।

CM चन्नी ने दी सिद्धू को नसीहत

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने नवजोत सिंह सिद्धू के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए साफ़ लफ़्ज़ों में कह दिया है कि नवजोत सिंह सिद्धू को कोई भी बात करनी है तो वह पार्टी फ़ोरम में अपनी बात रखें। कोई फैसला ठीक नहीं लगे तो पार्टी मीटिंग में उस पर विचार विमर्श कर सहमती दर्ज करवा सकते हैं। अभी डीजीपी की नियुक्ति नहीं हुई है इकबालप्रीत सहोता को सिर्फ़ चार्ज दिया गया है। UPSC को 10 नाम भेजे हैं, वहां से 3 अधिकारियों का पैनल आएगा तो चर्चा कर डीजीपी की नियुक्ति की जाएगी। वहीं सीएम चन्नी ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और उससे जुड़े गोलीकांड की पैरवी एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल नहीं करेंगे। उनकी जगह स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर आरएस बैंस को नियुक्त किया गया है। पार्टी और सरकार में तालमेल के लिए कोऑर्डिनेशन कमेटी गठित की गई है। नवजोत सिंह सिद्धू चाहें तो उसमें अपनी असहमति बता सकते हैं।