पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी BSF के अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जायेगे।

Parmod Kumar

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पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सोमवार को कहा कि पंजाब सरकार राज्य में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को भारत-पाक सीमा से 50 किलोमीटर तक बढ़ाने वाले केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी. जल्द ही पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर केंद्र सरकार के आदेश को रोकने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव या कानून पारित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि केंद्र से यह आदेश वापस लेने की लड़ाई में पंजाब की सभी राजनीतिक पार्टियां साथ आएंगी.

बीएसएफ के अधिकार-क्षेत्र के मुद्दे को लेकर सोमवार को सर्वदलीय बैठक में फैसला लिया गया कि केंद्र सरकार के इस आदेश के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा. सीएम चन्नी ने कहा कि यह मामला पंजाब और पंजाबियों से जुड़ा है, कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है और केंद्र सरकार का आदेश संघात्मक ढांचे में हमारे अधिकारों पर आक्रमण करने जैसा है.

केंद्र सरकार ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) कानून में संशोधन कर इसे पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर की जगह 50 किलोमीटर के बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति दे दी है.

सीएम ने पीएम मोदी को भी लिखा पत्र

इससे पहले सीएम चन्नी ने बीते शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वह राज्य में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को भारत-पाक सीमा से 50 किलोमीटर तक बढ़ाने वाले केंद्रीय कानून पर फिर से विचार करें. उन्होंने बीएसएफ के पहले वाले अधिकार क्षेत्र को बहाल करने का भी आग्रह किया, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से केवल 15 किमी तक सीमित था.

उन्होंने दलील दी थी कि सीमा सुरक्षा बल के पुराने अधिकार क्षेत्र की बहाली से बीएसएफ और पंजाब पुलिस को राष्ट्र विरोधी ताकतों के खिलाफ सौहार्दपूर्ण तरीके से काम करने और भारत की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में मदद मिलेगी. चन्नी ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का समय भी मांगा था.

पंजाब मंत्रिमंडल ने केंद्र के फैसले का किया विरोध

पिछले सप्ताह पंजाब मंत्रिमंडल ने इस संशोधन का विरोध करते हुए कहा था कि कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है और पुलिस बल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सक्षम है. मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा था, “हम इसके पूर्णत: खिलाफ हैं. कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है. राज्य पुलिस, जो प्रदेश से आतंकवाद खत्म कर सकती है, वह किसी भी घटना को रोकने में सक्षम है.” इस कदम को अनुचित बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “हम इसका विरोध करते हैं. इस तरह का फैसला प्रदेश सरकार से परामर्श के बगैर नहीं लिया जाना चाहिए था”