पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह आज सोनिया गांधी से करेंगे मुलाकात, मंत्रिमंडल में फेरबदल पर चर्चा हो सकती है।

Parmod Kumar

0
628

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आज यानी मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे. ये मुलाकात ऐसे समय पर हो रहा है जब पंजाब कांग्रेस के चीफ नवजोत सिंह सिद्धू और उनके करीबी सहयोगी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर पार्टी के 18 सूत्रीय एजेंडे को लागू करने के लिए दबाव बना रहे हैं. वहीं पंजाब सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाएं हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह इस मामले पर चर्चा के लिए सोनिया गांधी से मिलेंगे.

सिद्धू को पंजाब कांग्रेस के चीफ बनाए जाने के बाद सोनिया गांधी के साथ मुख्यमंत्री की यह पहली मुलाकात होगी. कैप्टन अमरिंदर सिंह चुनाव से पहले बचे हुए सरकार के कार्यकाल के 6 महीने के लिए मंत्रिमंडल में फेरबदल करना चाहते हैं. इसी बदलाव को लेकर सोनिया गांधी  से वो फाइनल मुहर लगवाना चाहते हैं.

इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करने से साफ इनकार करते हुए कहा था कि उनकी सरकार पहले ही कांग्रेस नेतृत्व द्वारा दिए गए 18 सूत्री एजेंडे में से कई को लागू कर चुकी है. तब कैप्‍टन ने दावा किया था कि उनकी सरकार चुनाव के दौरान पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में किए गए 93 प्रतिशत वादों को पूरा कर चुकी है.

वहीं सिद्धू का 18 सूत्रीय एजेंडे को लागू कराने के लिए दबाव डालना मुख्यमंत्री को घेरने और असंतुष्ट विधायकों को अपनी ओर करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है. पिछले दो सप्ताह से सिद्धू असंतुष्ट विधायकों की शिकायतों और लंबित मुद्दों पर ध्यान दे रहे हैं ताकि वह उन्हें राज्य सरकार के समक्ष उठा सकें.

सिद्धू की नियुक्ति को रोकने में नाकाम रहने के बाद अमरिंदर सिंह को झटका लगा है. बावजूद अमरिंदर सिंह अपनी जमीन पर डटे हुए हैं. सिद्धू ने चार कार्यकारी अध्यक्षों के साथ कैप्टन से मुलाकात की और पांच प्राथमिकता बिंदुओं पर कार्रवाई के लिए दबाव डाला, जिसमें 2015 की बेअदबी और पुलिस फायरिंग के मामले, नशीली दवाओं के व्यापार में बड़ी मछलियों की गिरफ्तारी और बिजली खरीद समझौतों को रद्द करना शामिल है.

मुलाकात के बाद सीएम ने कहा था कि सभी प्रमुख मुद्दों के समाधान के लिए पहले से ही काम किया जा रहा है. उन्होंने शनिवार को पत्रकारों से कहा, “हमने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए 93 फीसदी वादों को पूरा किया है.” लेकिन सिद्धू का मुख्यमंत्री का विरोध करना विपक्ष को बढ़ने के लिए खाद पानी का काम कर रहा है.