बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 50 किलोमीटर तक कर देने के केंद्र सरकार के फैसले की पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कड़ी निंदा की है। चन्नी ने कहा कि, ‘मैं पंजाब क्षेत्र के अंदर बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 50 किमी तक अतार्किक रूप से विस्तारित करने के भारत सरकार के सत्तावादी फैसले का कड़ा विरोध और निंदा करता हूं। इस एकतरफा कार्रवाई से पंजाब के लोग काफी आहत हैं। यह मोदी सरकार का एक अलोकतांत्रिक और संघीय विरोधी निर्णय है।’
बता दें कि बीएसएफ को 50 किलोमीटर के क्षेत्र में खास पावर देने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। भाजपा के तमाम विपक्षी दल केंद्र के इस फैसले का कड़ा विरोध कर रहे हैं। मालूम हो कि गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 की धारा 139 में संशोधन कर बीएसएफ का दायरा 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने का फैसला लिया है। अब पंजाब, असम और पश्चिम बंगाल की सीमा बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में आ गई हैं, जिसको लेकर पंजाब सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है। China energy crisis:कैसे भारत के रसायन और इस्पात उद्योगों की होने वाली है बल्ले-बल्ले ? जानिए
इससे पहले पंजाब के पूर्व मंत्री जनमेजा सिंह सेखों ने केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध जताते हुए कहा था कि भाजपा की इसके साथ ही देश के सीमावर्ती राज्यों पर कब्जा करने नीति सामने आई है और इसके परिमाणस्वरूप पंजाब के सीमावर्ती इलाकों को बीएसएफ के हवाले कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अकाली दल केंद्र के इस फैसले का कड़ा विरोध करेगा। तमाम विरोध दल केंद्र सरकार से तुरंत इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
बंगाल चुनाव के दौरान शाह ने दिये थे संकेत
बता दें कि बीएसएफ का दायरा बढ़ाए जाने के संकेत गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले दी दे दिए थे। शाह ने कहा था कि बंगाल पुलिस बीएसएफ का साथ नहीं दे रही है। इसलिए ट्रांसबॉर्डर क्राइम रुक नहीं पा रहा है।