दिल्ली-एनसीआर में जानलेवा हुई हवा को लेकर सियासत जारी है. प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. इस बीच पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट हलफनामा दाखिल कर बताया है कि राज्य की तरफ से पराली जलाने पर नियंत्रण के लिए के केंद्र सरकार से मुआवजे की मांग की गई थी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. पंजाब की चन्नी सरकार ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार से पराली जलाने पर रोक के लिए किसानों को एमएसपी से 100 रुपये प्रति क्विंटल अधिक का मुआवजा देने की मांग की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने इस बात की तरफ बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया.
केंद्र की तरफ से भी सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया गया है, जिसमें दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में हवा को साफ रखने के लिए आयोग द्वारा जारी निर्देशों की ओर इशारा किया गया है. इस हलफनामे में दिल्ली में ट्रकों पर प्रतिबंध, थर्मल प्लांट को बंद करने और निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है.
प्रदूषण पर सु्प्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली, हरियाणा, यूपी और पंजाब राज्यों के साथ अपनी बैठक में AQI को नीचे लाने के लिए 10 तत्काल उपायों को लागू करने का निर्णय लिया है…
- एनसीआर में सभी शिक्षण संस्थान अगले आदेश तक बंद रहेंगे. केवल ऑनलाइन कक्षाओं की अनुमति है.
- एनसीआर में कम से कम 50% सरकारी कर्मचारी घर से काम करेंगे और निजी प्रतिष्ठानों को भी 21 नवंबर तक ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
- गैर जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों को एनसीआर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा.
- दिल्ली/एनसीआर में डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध रहेगा.
- रेलवे, मेट्रो हवाई अड्डे या राष्ट्रीय सुरक्षा/रक्षा संबंधी कार्यों को छोड़कर निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध होगा
- सड़क पर निर्माण सामग्री को ढेर करने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों/संगठनों पर भारी जुर्माना लगाना.
- अधिक से अधिक संख्या में वाटर स्प्रिंकलर, एंटी-स्मॉग गन तैनात करें.
- फ्यूल ईंधन का उपयोग करने वाले उद्योगों को केवल तभी चलने की अनुमति होगी जब वे गैस का उपयोग करते हैं, या उन्हें बंद करने की आवश्यकता होगी.
- दिल्ली के 300 किमी के दायरे में 11 थर्मल प्लांटों में से 6 को 30 नवंबर तक काम करना बंद करना होगा.
- 10 वर्ष से अधिक (डीजल) 15 वर्ष (पेट्रोल) से अधिक का कोई वाहन सड़क पर नहीं आना चाहिए.