पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान के करतारपुर साहिब गुरुद्वारे पहुंचे, टेका मत्था।

Parmod Kumar

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पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू करतारपुर कॉरिडोर के फिर से खुलने के ठीक तीन दिन बाद शनिवार को गुरुद्वारा करतारपुर साहिब मत्था टेकने पहुंचे, जहां उनका धूमधाम से स्वागत किया गया. इस दौरान सिद्धू ने करतारपुर परियोजना प्रबंधन इकाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद लतीफ से भी बातचीत की और कहा कि ‘पाक प्रधानमंत्री इमरान खान मेरे बड़े भाई की तरह हैं. उन्होंने मुझे बहुत प्यार दिया है.’

मालूम हो कि पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू की दोनों देशों के बीच सिख तीर्थ स्थल करतारपुर साहिब का कॉरिडोर खोलने में उनकी भूमिका की तारीफ की थी. इमरान खान और सिद्धू के बीच संबंध 2018 में तब सुर्खियों में आए थे जब सिद्धू पाकिस्तान के पीएम के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे.

नवजोत सिद्धू का करतारपुर जाने का कार्यक्रम 18 नवंबर को निर्धारित था. लेकिन गृह मंत्रालय ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए उनका नाम तीसरे जत्थे की सिख तीर्थयात्रियों की सूची में शामिल कर दिया था. मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में सिद्धू का नाम शामिल नहीं था, जिसने गुरुवार को करतारपुर साहिब का दौरा किया था.

चन्नी प्रतिनिधिमंडल के साथ नहीं मिली थी जाने की इजाजत

सिद्धू को बुधवार की देर रात बताया गया कि गुरुपर्व के एक दिन बाद यानी 20 नवंबर को करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में आने वाले वीआईपी लोगों की तीसरी लिस्ट में उनका नाम शामिल है. उनके मीडिया सलाहकार जगतार सिद्धू ने बताया, ‘इजाजत लेने के लिए फॉर्म समय पर भरा गया था. लेकिन पीपीसीसी प्रमुख को चन्नी के आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं किया गया.’

हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपने एक बयान में बताया कि सिद्धू, पीपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्षों और वरिष्ठ विधायकों सहित 50 वीआईपी की सूची 16 नवंबर की शाम को गृह मंत्रालय भेजी गई थी. हालांकि सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए केंद्र ने सभी वीआईपी को एक ही दिन करतारपुर साहिब जाने की इजाजत देने से इनकार कर दिया और वीआईपी को तीन समूहों में बांट दिया.