पंजाब शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल बोले, चुनाव आयोग फैसले पर दोबारा करे व‍िचार, रैलियों के बिना चुनाव प्रचार संभव नहीं,

Parmod Kumar

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चुनाव आयोग ने शन‍िवार को पांच राज्‍यों में व‍िधानसभा चुनावों का कार्यक्रम जारी क‍िया था. ज‍ि‍सके तहत पंजाब, उत्‍तर प्रदेश, उत्‍तराखंड, मण‍िपुर और गोवा में चुनाव होने हैं. वहीं कोरोना की वजह से इस बार चुनाव आयोग ने अहम बदलाव करते हुए राजनीत‍िक दलों को वर्चुअल रैली करने की इजाजत दी है, लेक‍िन श‍िरोमणी अकाली दल ने चुनाव आयोग से अपने इस फैसले पर दोबारा व‍िचार करने की मांग की है. श‍िरोमणी अकाली दल के अध्‍यक्ष सुखबीर स‍िंंह बादल ने कहा क‍ि पंजाब में रैल‍ियों के ब‍िना चुनाव प्रचार संभव नहीं है.

जल्‍द सर्वदलीय बैठक बुलाए चुनाव आयोग :  बादल

शि‍रोमणी अकाली दल के अध्‍यक्ष सुखबीर स‍िंंह बादल ने चुनाव के दौरान वर्चुअल चुनाव प्रचार के फैसले को लेकर कहा क‍ि चुनाव आयोग को अपने इस फैसले पर दोबारा व‍िचार करना चाह‍िए. उन्‍होंने कहा क‍ि चुनाव आयोग को जल्‍द ही सर्वदलीय बैठक बुलाकर प्रचार के तरीके पर मंथन करना चाहिए. उन्‍होंने कहा क‍ि इंटरनेट कनेक्टिविटी और पंजाब के सुदूर इलाकों तक वर्चुअल तरीके से पहुंच बनाना सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए मुश्किल भरा होने वाला है. ऐसे में चुनाव आयोग को सर्वदलीय बैठक बुलाकर रैलियों को लेकर कोई व्‍यवस्‍था बनानी होगी. उन्‍होंने कहा क‍ि अगर अमेर‍िका में कोरोना के दौरान राष्‍ट्र्पत‍ि चुनाव हो सकते हैं तो तमाम कोरोना प्रोटोकॉल के साथ भारत में क्यों नहीं हो सकते हैं. अमेर‍िका में भी रैलियों पर रोक नहीं लगाई गई थी.

पंजाब में 14 फरवरी को मतदान

पंजाब में दूसरे चरण में मतदान होने हैं. ज‍िसके तहत पंजाब की 117 व‍िधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को मतदान की प्रक्र‍िया आयोज‍ित की जानी है. वहीं फ‍िलहाल कोरोना की स्‍थति‍ को देखते हुए चुनाव आयोग ने 15 जनवरी तक वर्चुअल रैली को छोड़कर क‍िसी भी तरह की रैली के आयोजन रोक लगाई हुई है.

अख‍िलेश यादव भी चुनाव आयोग से कर चुके छोटे दलों की मदद की मांग

व‍िधानसभा चुनावों में वर्चुअल रैली की घोषणा क‍िए जाने का सपा अध्‍यक्ष अख‍िलेश यादव ने स्‍वागत क‍िया था. लेक‍िन  सपा अध्‍यक्ष अख‍िलेश यादव ने कहा था क‍ि चुनाव आयोग को वर्चुअल चुनाव प्रचार के ल‍िए छोटे दलों की मदद करने चाह‍िए. अख‍िलेश यादव ने कहा था क‍ि छोटे दल, ज‍िनके पास संसाधन कम है और नहीं हैं, उन्‍हें वर्चुअल चुनाव करने में कई तरह की परेशान‍ियों का सामना करना पड़ेगा. ऐसे में चुनाव आयोग को छोटे दलों की मदद के ल‍िए आगे आना चाह‍िए.