पंजाब के फरीदकोट जिले की एक अदालत ने 2015 के गुरु ग्रंथ साहिब बेअदबी मामले में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 29 अक्टूबर को अदालत के समक्ष पेश होने का आदेश दिया है. पंजाब पुलिस की विशेष जांच दल (SIT) ने साल 2015 में बरगाड़ी में हुए गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के एक मामले को लेकर अदालत से गुरमीत राम रहीम को प्रोडक्शन वारंट पर पूछताछ के लिए लाने की परमिशन मांगी थी.
एसआईटी के अनुरोध पर अदालत ने रोहतक की सुनारिया जेल के सुपरिटेंडेंट को समन जारी करके गुरमीत राम रहीम को 29 अक्टूबर को अदालत में पेश करने के निर्देश जारी किया है. गुरमीत राम रहीम फिलहाल हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. गुरमीत को 2017 में दो अनुयायियों के साथ बलात्कार के जुर्म में 20 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी.
SIT ने हाल ही में गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप चोरी करने और विवादित पोस्टर लगाने की घटनाओं में डेरा सच्चा सौदा के 6 अनुयायियों को गिरफ्तार किया था. इन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है, जबकि गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप चोरी करने की घटना में SIT ने जुलाई 2020 में सात डेरा अनुयायियों को गिरफ्तार किया था और पूछताछ खत्म होने के कुछ दिन बाद ही इन सातों अनुयायियों के अलावा डेरे की राष्ट्रीय कमेटी के तीन सदस्यों और डेरा प्रमुख के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी.
अदालत ने सोमवार को जारी अपने आदेश में सुनारिया जेल के अधीक्षक को लिखा है कि वे गुरमीत राम रहीम को 29 अक्टूबर की सुबह 9:30 बजे कोर्ट में पेश करें. साथ ही आरोपी की पेशी के लिए जरूरी प्रबंधन करने का निर्देश दिया गया है.
हत्या के मामले में भी राम रहीम को उम्रकैद की सजा
हाल ही में सीबीआई की विशेष अदालत ने डेरा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के 19 साल पुराने मामले में गुरमीत राम रहीम सिंह और चार अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. पंचकूला की अदालत ने हत्या के मामले में राम रहीम और चार अन्य- कृष्णलाल, जसबीर सिंह, अवतार सिंह और सबदिल को 8 अक्टूबर को दोषी ठहराया था. बीते सोमवार को सीबीआई के विशेष अभियोजक एच पी एस वर्मा ने कहा, ‘‘अदालत ने पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है.’’
रंजीत सिंह की 10 जुलाई, 2002 को हरियाणा के कुरुक्षेत्र के खानपुर कोलियां गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. एक अज्ञात पत्र प्रसारित करने में संदिग्ध भूमिका के चलते उसकी हत्या की गयी थी. इस पत्र में बताया गया था कि डेरा प्रमुख डेरा मुख्यालय में किस प्रकार महिलाओं का यौन शोषण करता है. सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार, डेरा प्रमुख का मानना था कि इस अज्ञात पत्र को प्रसारित करने के पीछे रंजीत सिंह था और उसने उसकी हत्या की साजिश रची.