पंजाब के नए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्र से की अपील, कहा सरकार वापस लें तीनों कृषि कानून।

Parmod Kumar

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पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अब चरणजीत सिंह चन्नी राज्य के नए मुख्यमंत्री चुने गए हैं. मुख्यमंत्री के रूप में सोमवार को उन्होंने शपथ ली. शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री के तौर पर पहली प्रेस कॉन्फेंस में सीएम चन्नी ने कहा, ‘पंजाब सरकार किसानों के साथ है. हम केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निवेदन करते हैं.

चन्नी ने कहा, ‘यह आम आदमी की सरकार है. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब में बहुत अच्छा काम किया है.’ उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने आम आदमी को मुख्यमंत्री बनाया है. मैं कांग्रेस पार्टी का धन्यवाद करता हूं. हम किसानों के पानी और बिजली के बिल को माफ करेंगे.’ शपथ ग्रहण करने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में चन्नी ने यह भी कहा कि रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और सभी मुद्दों का समाधान होगा.

रेत माफिया और अवैध खनन पर लगेगा अंकुश

उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व की ओर से तय 18 सूत्री कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि वह राज्य के लोगों का भरोसा दिलाते हैं कि आने वाले दिनों में सभी मसलों का हल होगा. मुख्यमंत्री के मुताबिक, रेत माफिया और अवैध खनन पर अंकुश लगाने को लेकर आज ही बड़ा कदम उठाएंगे. किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘पंजाब की एकता, अखंडता और भाईचारा को कायम रखना है. हम सबको मिलकर रहना है. पंजाब को आगे बढ़ाना है.’ चन्नी ने खुद के गरीब परिवार में पैदा होने का जिक्र किया और कहा कि वह इस बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए कांग्रेस नेतृत्व का धन्यवाद करते हैं.

2007 में पहली बार बने विधायक

पंजाब में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. चन्नी पंजाब में मुख्यमंत्री बनने वाले दलित समुदाय के पहले व्यक्ति हैं. उनके अलावा सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओम प्रकाश सोनी ने भी शपथ ली जो राज्य के उप मुख्यमंत्री बने हैं. चन्नी दलित सिख (रामदसिया सिख) समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे. वह रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. इस क्षेत्र से साल 2007 में वह पहली बार विधायक बने और इसके बाद लगातार जीत दर्ज की. चन्नी शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी गठबंधन के शासनकाल के दौरान साल 2015-16 में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी थे.