Rabi crop advisory: गेहूं की फसल 21-25 दिन की हो तो तुरंत करें ये काम, बाकी रबी फसलों का भी रखें ध्यान

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Rabi crop advisory: गेहूं की फसल 21-25 दिन की हो तो तुरंत करें ये काम, बाकी रबी फसलों का भी रखें ध्यान

 

गेहूं की फसल 21-25 दिन की हो तो तुरंत करें ये काम, बाकी रबी फसलों का भी रखें ध्यान

रबी फसलों की खेती के लिए किसानों को समय-समय पर सलाह दी जाती है। हाल ही में पूसा (ICAR) ने गेहूं, सरसों, आलू, टमाटर और अन्य रबी फसलों की देखभाल के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। आइए जानते हैं कि इन फसलों की बेहतर देखभाल के लिए किसानों को क्या करना चाहिए।


गेहूं की फसल: सिंचाई और उर्वरक का सही समय

यदि गेहूं की बुवाई को 21-25 दिन हो चुके हैं, तो अगले 5 दिनों तक शुष्क मौसम का लाभ उठाकर पहली सिंचाई करें। सिंचाई के 3-4 दिन बाद खाद की दूसरी मात्रा डालें। साथ ही, तापमान को ध्यान में रखते हुए पछेती गेहूं की बुवाई जितनी जल्दी हो सके, पूरी करें।


सरसों की फसल: खरपतवार और रोग नियंत्रण

देर से बोई गई सरसों की फसल में विरलीकरण और खरपतवार नियंत्रण करें। औसत तापमान में गिरावट के कारण सफेद रतुआ रोग का खतरा बढ़ सकता है। इसकी नियमित निगरानी करें।


प्याज और आलू की फसल: रोगों से बचाव के उपाय

प्याज की रोपाई से पहले खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद और पोटाश उर्वरक का उपयोग करें।

  • आलू: हवा में नमी अधिक होने के कारण आलू में झुलसा रोग हो सकता है। ऐसे में डाइथेन-एम-45 (2 ग्राम प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें।

सब्जियों की फसलों की देखभाल

जिन किसानों ने टमाटर, फूलगोभी, पत्ता गोभी या ब्रोकली की पौधशाला तैयार की है, वे मौसम के अनुसार पौधों की रोपाई कर सकते हैं।

  • गोभी वर्गीय सब्जियों में पत्ती खाने वाले कीटों की निगरानी करें। यदि कीटों की संख्या अधिक हो, तो बी.टी. (1 ग्राम प्रति लीटर पानी) या स्पेनोसेड (1 एमएल/3 लीटर पानी) का छिड़काव करें।
  • सब्जियों में निराई-गुड़ाई कर खरपतवार हटाएं और सिंचाई के बाद उर्वरक का छिड़काव करें।

आम के पेड़ों की सुरक्षा

आम के पेड़ों पर मिलीबग के हमले से बचाव के लिए:

  • पेड़ के तने पर 0.5 मीटर की ऊंचाई तक 25-30 सेमी चौड़ी अल्काथीन की पट्टी लगाएं।
  • तने के आसपास की मिट्टी की खुदाई करें ताकि मिलीबग के अंडे नष्ट हो जाएं।

गेंदे की फसल: फूलों की सड़न से बचाव

सापेक्षिक आर्द्रता अधिक रहने के कारण गेंदे की फसल में पुष्प सड़न रोग का खतरा बढ़ सकता है। किसानों को सलाह दी जाती है कि फसल की नियमित निगरानी करें और समय रहते रोगों का प्रबंधन करें।


किसान इन निर्देशों का पालन कर अपनी फसलों की बेहतर देखभाल कर सकते हैं और रोगों से बचाव कर पैदावार को बढ़ा सकते हैं।