लोकसभा में राहुल गांधी ने सौंपी शहीद किसानों की लिस्ट, सरकार से कहा- अब आपके पास है सूची, इन्हें मुआवजा और नौकरी दें

Parmod Kumar

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किसानों के मुद्दे पर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. लोकसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के मुद्दे को लगातार उठा रही है. मंगलवार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों के मुद्दे को उठाते हुए शहीद किसानों की लिस्ट सदन को सौंपा. इस दौरान राहुल गांधी ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ महीनों से चलते आ रहे आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले शहीद किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे और नौकरी की मांग की.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा, ‘किसान आंदोलन में करीब 700 किसान शहीद हुए. प्रधानमंत्री ने देश से और किसानों से माफी मांगी. उन्‍होंने माना कि उन्‍होंने गलती की है. 30 नवंबर को कृषि मंत्री से सवाल पूछा गया था कि किसान आंदोलन में कितने किसान शहीद हुए. जिस पर उन्‍होंने कहा था कि उनके पास कोई डेटा नहीं है.’

पंजाब में सरकार ने दिया मुआवजा, केंद्र भी दे

राहुल गांधी ने कहा, ‘हमने पता लगाया, पंजाब की सरकार ने करीब 400 किसानों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा दिया है. उनमे से 152 किसानों को रोजगार भी दिया है. इन किसानों की लिस्ट मेरे पास है, जिसे मैंने सदन के पटल पर रख दिया है.’

उन्होंने कहा, ‘हरियाणा के 70 किसानों को भी मुआवजा मिला है. प्रधानमंत्री ने इस मामले पर माफी मांगी और उनकी सरकार कह रही है कि कोई भी किसान शहीद नहीं हुआ या उनके नाम रिकॉर्ड में नहीं हैं, तो ये नाम यहां हैं. मैं चाहता हूं कि जो इनका हक है और जो प्रधानमंत्री ने कहा है, जिसके लिए माफी मांगी है, उन्हें उनका पूरा हक मिलना चाहिए. उनको मुआवजा और नौकरी मिलनी चाहिए.

कांग्रेस का लोकसभा से वॉक आउट

इसके बाद कांग्रेस ने लोकसभा से वॉक आउट किया. कांग्रेस के सांसदों की मांग थी कि जीरो ऑवर में राहुल गांधी द्वारा उठाए गए प्रश्न का उत्तर कृषि मंत्री अबिलम्ब दें. राहुल गांधी ने जीरो ऑवर में 700 किसानों की मौत की बात कही और उनके परिजनों के लिए मुआवजा और रोजगार की मांग की. लेकिन ऐसा नहीं होने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया.

टीआरएस ने संसद के दोनों सदनों के बचे हुए दिनों का पूरी तरह से बहिष्कार करने का ऐलान किया है. टीआरएस ने अनाज खरीदने के लिए पालिसी की मांग के मुद्दे पर यह फैसला लिया है. बता दें कि तेलंगाना राष्ट्र समिति के लोकसभा में 9 और राज्यसभा में 7 सांसद हैं. टीआरएस ने शीतकालीन सत्र की बची हुई कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए कहा कि यह सरकार किसान विरोधी है और किसानों के खिलाफ काम कर रही है.