राहुल गांधी ने एक बार फिर पीएम मोदी पर निशाना साधा, कहा, ”प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना नाम पर धोखा है।

Parmod Kumar

0
932

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. इस पर बार उन्होंने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को लेकर हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी ने विकास के नाम पर धोखा दिया है.

उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ”प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना यानि. जुमले देने में PM का कौशल, विकास के नाम पर धोखा. सरकार की ‘रोज़गार मिटाओ’ परियोजना.”

विपक्षी दलों का एकजूटता का प्रदर्शन

इससे पहले केंद्र सरकार के खिलाफ मंगलवार को कांग्रेस के साथ विपक्षी दलों ने एकजुटता का प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने इसे 2024 लोकसभा चुनाव से पहले एक ‘ट्रेलर’ बताया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के न्योते पर पार्टी के 100 सांसद और 15 विपक्षी दलों के नेता दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में नाश्ते पर मिले. विपक्षी नेताओं ने पेगासस जासूसी मामले पर सरकार को घेरने और दबाव बनाने की साझा रणनीति पर चर्चा की.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी नेता पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में मंगलवार को साइकिल से संसद पहुंचे. इसके अलावा कई और नेता कॉन्स्टीट्यूशन क्लब से संसद तक पैदल पहुंचे. बैठक में राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता कल्याण बनर्जी, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव, शिवसेना सांसद संजय राउत, आरजेडी के मनोज झा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रफुल्ल पटेल समेत 15 दलों के नेता शामिल हुए.

बैठक को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष देश की 60 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करती है, लेकिन सरकार इस तरह व्यवहार कर रही है जैसे वे किसी का प्रतिनिधित्व ही नहीं करते हैं. उन्होंने कहा, “जब सरकार हमें संसद में चुप करा देती है, तो वो सिर्फ हम सांसदों को अपमानित नहीं कर रही है बल्कि वो भारत के लोगों की आवाज और बहुसंख्यक आवाज का भी अपमान कर रही है.”

एकजुट और मजबूत आवाज को दबाना बीजेपी और आरएसएस के लिए मुश्किल

विपक्षी नेताओं को उन्होंने कहा, “आपको आमंत्रित करने का एकमात्र उद्देश्य यह है कि हम इस ताकत को एकजुट करें. जब सभी आवाजें एकजुट और मजबूत हो जाएगी तो बीजेपी और आरएसएस के लिए इस आवाज को दबाना बहुत मुश्किल हो जाएगा. हम इस एकजुटता के आधार को याद करना चाहिए और यह महत्वपूर्ण है कि अब हम इस एकता के आधार के सिद्धांत के साथ आना शुरू कर रहे हैं.”