राजस्थान सरकार ने महिला कर्मचारियों को दिया तोफहा, मातृत्व अवकाश नियमों में संशोधन

Parmod Kumar

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राजस्थान में गहलोत सरकार ने महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश नियमों में संशोधन कर एक बड़ी राहत देने का फैसला किया है. सरकार के नए फैसले के मुताबिक अब सरकारी नौकरी से पहले संतान होने पर भी महिला कर्मचारी को मातृत्व अवकाश मिल पाएगा, हालांकि इस सुविधा का लाभ लेने के लिए महिला कर्मी को नौकरी जॉइन करने के 15 दिनों के भीतर बच्चे की जानकारी संबंधित विभाग को देनी होगी.

बता दें कि पिछले काफी समय से मातृत्व अवकाश को लेकर कई तरह की कानूनी दावपेंच चल रहे थे. कई महिला कर्मचारियों को नियुक्ति के कुछ दिन या एक महीने पहले बच्चे के जन्म होने के बाद मेटरनिटी लीव के लिए कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाना पड़ा. ऐसे में वित्त विभाग ने अब सभी शिकायतों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है.

महिला कर्मचारी को 15 दिन के भीतर देनी होगी जानकारी

वित्त विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि अब से कोई भी महिला कर्मचारी नौकरी ज्वाइन करने से पहले बच्चे को जन्म देती है तो वह मैटरनिटी लीव यानी मातृत्व अवकाश के लिए अप्लाई कर सकती है.

वहीं मातृत्व अवकाश लेने वाली महिला को सरकारी सेवा में आने के 15 दिनों के भीतर बच्चे के जन्म के बारे में विभाग को जानकारी देनी होगी. इसके अलावा अगर महिला कर्मचारी यह जानकारी नहीं देती है तो वह मातृत्व अवकाश का लाभ नहीं उठा सकेंगी.

180 दिन का होता मातृत्व अवकाश

बता दें कि महिला कर्मचारियों को 180 दिनों का मातृत्व अवकाश दिया जाता है जिसमें महिलाएं बच्चे जन्म से पहले और बाद में इसका लाभ ले सकती है. इससे पहले 2018 से चाइल्ड केयर लीव लागू हुआ जिसके बाद से 760 दिन की छुट्टी मिलती है पर इसमें बच्चे की उम्र 18 साल होने तक किश्तों में यह छुट्टी ली जा सकती है.

हालांकि, कोई भी महिला कर्मचारी एक बार में सिर्फ अधिकतम 60 दिन तक की ही छुट्टी ले सकती है. महिला कर्मचारियों से जुड़े संगठन काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे जिसके बाद 2018 में गत वसुंधरा राजे सरकार ने इस अवकाश की घोषणा की थी.

महिला कर्मचारी संगठनों में खुशी की लहर

गहलोत सरकार के इस फैसले के बाद राजस्थान महिला अधिकारी एवं कर्मचारी एकीकृत महासंघ की प्रदेश अध्यक्ष विजेता चारण ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मातृत्व अवकाश को लेकर महिला कर्मचारी काफी लंबे समय से संघर्ष कर रहा है. वहीं ताजा फैसले पर विजेता चारण ने कहा कि अब वह महिलाएं भी अवकाश ले सकती है जिन्होंने नौकरी जॉइन करने से पहले बच्चे को जन्म दिया हो.