राजस्थान विधानसभा उपचुनाव : कांग्रेस इस बार ऐसे नेताओं को चुनाव प्रचार से दूर रखेगी जो केवल फोटोबाज हैं।

Parmod Kumar

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उपचुनाव जीतने के लिए कांग्रेस एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. रणनीति के तहत के कुछ नए और अहम फैसले भी लिए जा रहे हैं. अब कांग्रेस (Congress) ने तय किया है कि उपचुनाव में पार्टी के उन्हीं नेताओं को चुनाव प्रचार (Election campaign) के लिए भेजा जाएगा जो पूरा समय क्षेत्र के लिए दे सकते हों. केवल दो-चार घंटे क्षेत्र में जाकर सोशल मीडिया पर छा जाने वाले नेताओं से पार्टी परहेज करेगी, पिछले दिनों पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन की ओर से पीसीसी में ली गई पदाधिकारियों की बैठक के दौरान कुछ नेताओं ने उपचुनाव वाले क्षेत्रों में जाकर प्रचार करने की इच्छा जताई थी. इस पर मीटिंग में मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने यह बात रखी थी कि जो नेता पूरा समय क्षेत्र में दे सकते हों उन्हें ही प्रभारी मंत्री से सलाह कर क्षेत्र में भेजा जाना चाहिए. इसे लेकर अब पार्टी ने गाइडलाइन बना दी है, केवल चेहरा दिखाने वाले नेताओं की वजह से कई बार पार्टी को नुकसान भी उठाना पड़ता है. पार्टी उपचुनाव को हर हाल में जीतना चाहती है. लिहाजा प्रचार के लिए समर्पित नेताओं को ही तवज्जो दी जा रही है. पीसीसी मुख्यालय सचिव ललित तूनवाल का कहना है कि नेताओं को जिस क्षेत्र में वे प्रचार के लिए जाना चाहते हैं उसकी जानकारी पीसीसी को उपलब्ध करवानी होगी. पीसीसी द्वारा सम्बन्धित क्षेत्र के प्रभारी मंत्री से अनुमति लेकर ही पदाधिकारियों को प्रचार के लिए भेजा जाएगा. यानि प्रभारी मंत्री तय करेंगे कि उनके क्षेत्र में किस नेता के प्रचार से ज्यादा फायदा मिल सकता है, पीसीसी मुख्यालय सचिव ललित तूनवाल के मुताबिक किस सीट पर किस नेता का उपयोग किया जाना है. इसके साथ ही किन क्षेत्रों में किन-किन कार्यकर्ताओं को भेजा जाना है इस पर भी पार्टी में मंथन हो चुका है. प्रचार के लिए उपयोगी हो सकने वाले नेताओं की सूचियां भी तैयार की जा चुकी है. जैसे ही पार्टी टिकट घोषित करेगी प्रचार के लिए जाने वाले नेताओं के नाम भी घोषित कर दिए जाएंगे. उधर चूंकि पांच राज्यों के चुनाव भी साथ हो रहे हैं लिहाजा पार्टी के बड़े नेताओं के उपचुनाव में प्रचार पर आने पर संशय है. ऐसे में प्रचार का दारोमदार पूरी तरह राजस्थान के नेताओं पर ही रहेगा.