राजस्थान ने स्कूल खोलने का फैसला लिया वापिस, जानिए किस राज्य की क्या प्लानिंग।

Parmod Kumar

0
644

कोरोना की पहली लहर कमजोर पड़ने के बाद कुछ राज्यों में स्कूल खुल ही रहे थे कि महामारी की दूसरी लहर आ गई। अब जब दूसरी लहर भी नियंत्रण में दिख रही है तो कुछ राज्यों ने जुलाई के आखिर और अगस्त की पहले-दूसरे हफ्ते में फिर से स्कूल खोलने की प्लानिंग कर रखी है। लेकिन, सवाल यह उठता है कि जब कोविड-19 की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रहा है तो क्या स्कूल खोलने का फैसला उचित है? दूसरा सवाल यह भी है कि बच्चे एक साल से ऑनलाइन क्लास ही कर रहे हैं, ऐसे में उनकी पढ़ाई बहुत ज्यादा प्रभावित हुई है, तो क्या तीसरी लहर की आशंका मात्र से स्कूल बंद रखना सही होगा? आइए जानते हैं कि स्कूल खोलने को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों की क्या राय है और कौन-कौन से राज्यों में स्कूल खुलने की संभावना है

​राजस्थान में बनेगी पांच मंत्रियों की कमिटी
राजस्थान सरकार ने 2 अगस्त से स्कूल खोलने का फैसला वापस ले लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि अब स्कूल खोलने का फैसला नए सिरे से लिया जाएगा और इसके लिए एक एक्सपर्ट कमिटी गठित की जाएगी। उन्होंने कहा कि कमिटी में राज्य सरकार के पांच मंत्री शामिल होंगे। सीएम के आदेशानुसार, शिक्षा मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, कृषि मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग में राज्य मंत्री और तकनीकी शिक्षा विभाग के राज्य मंत्री को मिलाकर कमिटी गठित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह फैसला कोविड-19 की तीसरी लहर आने की आशंका में किया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की कमिटी केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय और आईसीएमआर से संपर्क करेगी और उनकी राय के आधार पर एसओपी तैयार किया जाएगा। इससे पहले, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा था कि राजस्थान में 2 अगस्त से बच्चों के स्कूल खोले जा सकते हैं। इससे पहले पुदुचेरी की सरकार ने भी 16 जुलाई से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खोलने का फैसला वापस ले लिया था।Rajasthan

​कर्नाटक में एक्सपर्ट कमिटी ने क्या कहा

कर्नाटक सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ प्राइमरी एंड सेकंड्री एजुकेशन ने स्कूल खोलने को लेकर एक्सपर्ट कमिटी गठित की है जिसने अपनी रिपोर्ट दे दी है। कमिटी ने कर्नाटक सरकार से कहा है कि राज्य में सभी प्री-प्राइमरी और लोअर प्राइमरी कक्षाएं 2 अगस्त से शुरू की जा सकती हैं। कमिटी ने सरकार के सामने दो विकल्प रखे हैं। उसने कहा कि सरकार को सभी कक्षा के बच्चों के लिए स्कूल एक साथ खोल दिए जाने चाहिए, लेकिन अगर वो ऐसा नहीं चाहती है और उसे लगता है कि स्कूल चरण-दर-चरण खुलने चाहिए तो फिर सबसे पहले कक्षा एक से पाचवीं तक के स्कूल खुलने चाहिए। स्कूलों में भीड़भाड़ कम करने के लिए कमिटी ने कक्षा एक से तीन के बच्चों को सुबह जबकि कक्षा चार और पांच के बच्चों को दोपहर में स्कूल बुलाने की सिफारिश की है। उसका सुझाव है कि कक्षा एक से पांच तक कक्षा चलने के एक सप्ताह बाद कक्षा छह से 12वीं तक के स्कूल भी खोले जा सकते हैं। सरकार ने समिति की सिफारिश मानी तो वहां हरेक कक्षा सप्ताह में कम-से-कम छह दिन और रह दिन तीन घंटे तक चलेगी। कमिटी ने कहा है कि जिन स्कूलों में बच्चे कम है, वहां सभी बच्चों को एक साथ बुलाया जा सकता है, लेकिन जहां बच्चे बहुत ज्यादा हैं, वहां अलग-अलग बैच बनाकर बच्चों को बुलाएं। कमिटी ने कहा कि चूंकि बहुत ज्यादा वक्त बर्बाद हो चुका है, इसलिए स्कूल की छुट्टियां कम की जाएं।
​प. बंगाल में सीनियर स्टूडेंट्स के लिए खुल सकते हैं स्कूल
प. बंगाल सरकार ने स्कूल खोलने का फैसला अब तक नहीं किया है, लेकिन वहां सबसे पहले सीनियर स्टूडेंट्स को बुलाने पर विचार किया जा रहा है। शिक्षा विभाग के एक सीनियर ऑफिसर ने कहा कि तीसरी लहर की आशंका के कारण राज्य सरकार स्कूल खोलने की जल्दबाजी नहीं कर रही है, लेकिन सब सामान्य रहा तो सबसे पहले कक्षा 9 से 12वीं के बच्चों को ही सबसे पहले स्कूल बुलाया जाएगा। अधिकारी ने स्पष्ट कहा कि वहां पहले प्राइमरी स्कूल नहीं खोले जाएंगे जिसका सुझाव आईसीएमआर ने दिया था। हालांकि, जो भी फैसला होगा, वो सरकार में उच्च स्तर पर लिया जाएगा।School

​महाराष्ट्र के गांवों में खुल चुके हैं स्कूल
केरल के साथ महाराष्ट्र ही ऐसा राज्य है जहां से अब बाकी राज्यों के मुकाबले ज्यादा कोविड केस आ रहे हैं, फिर भी वहां ग्रामीण इलाकों में स्कूल खोल दिए गए हैं। महाराष्ट्री की उद्धव ठाकरे सरकार ने 15 जुलाई से शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए ऑफलाइन पढ़ाई शुरू करने का आदेश जारी किया था। स्कूल खुलने के पहले सप्ताह महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में 9वीं से 12वीं क्लास के चार लाख से ज्यादा बच्चे स्कूल गए थे।
​तेलंगाना में भी खुलने वाले हैं स्कूल
तेलंगाना में भी कोविड-19 महामारी कमजोर पड़ रही है, इसलिए राज्य सरकार स्कूल खोलने पर विचार कर रही है। जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने स्कूल, जूनियर, कॉलेज, डिग्री कॉलेज, टेक्निकल कॉलज और दूसरे शैक्षिक संस्थानों को 1 जुलाई से खोलने का आदेश दिया था जिसे बाद में वापस ले लिया गया। अब वहां अगस्त के पहले सप्ताह में सारे शैक्षिक संस्थान खोलने की योजना बन रही है।School

​यूपी, एमपी, बिहार, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों का हाल
⮞ उत्तर प्रदेश में गैर-सहायता प्राप्‍त स्‍कूलों के एसोसिएशन ने सरकार से स्‍कूल खोलने की गुहार लगाई है।⮞ मध्‍य प्रदेश में कक्षा 11 और 12 की क्‍लासेज और हॉस्‍टल 26 जुलाई से खोलने का फैसला हुआ है।

⮞ बिहार में कक्षा 1 से 10 तक के सभी स्‍कूलों को अगस्‍त के दूसरे सप्‍ताह से खोला जा सकता है।

⮞ उत्‍तराखंड में कक्षा 6 से ऊपर के स्‍कूल खोलने पर विचार हो रहा है।

⮞ ओडिशा में 26 जुलाई से कक्षा 10 और 12 के स्‍टूडेंट्स की खातिर हॉस्‍टल खुल जाएंगे।

⮞ हिमाचल प्रदेश में 2 अगस्‍त से कक्षा 10-12 तक के स्‍कूल खुलेंगे। कक्षा 5 से 8 तक के स्‍टूडेंट्स को भी अपने डाउट्स क्लियर करने के लिए 2 अगस्‍त से स्‍कूल आने की इजाजत होगी। राज्‍य में कोचिंग, ट्यूशन और ट्रेनिंग संस्‍थानों को 26 जुलाई से खोल दिया जाएगा।

⮞ गुजरात में 15 जुलाई से कक्षा 12वीं और कॉलेजों को ऑफलाइन क्‍लासेज शुरू करने की अनुमति मिल गई थी। 26 जुलाई से कक्षा 9-11 की क्‍लासेज भी शुरू हो जाएंगी।

⮞ पंजाब में 26 जुलाई से कक्षा 10, 11 और 12 के स्‍कूल खुल रहे हैं। हालात काबू में रहते हैं तो बाकी क्‍लासेज को 2 अगस्‍त से खोला जा सकता है।

⮞ छत्तीसगढ़ में 2 अगस्‍त से कक्षा 10 और 12 के स्‍कूल, कॉलेज और आईटीआईज भी खुल जाएंगे।

⮞ आंध्र प्रदेश सरकार में 16 अगस्‍त से स्‍कूल खोल दिए जाएंगे।

​क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट
एक तरफ तीसरी लहर की आशंका तो दूसरी लहर बच्चों की पढ़ाई की चिंता, इनके बीच कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्कूल खोलने को लेकर अपनी राय दी है। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि बच्चों का क्लास में जाकर शिक्षकों से सीधे सवाल-जवाब करना बहुत जरूरी है, इसलिे स्कूल खुलने चाहिए। वैसे भी बहुत से बच्चों के पास ऑनलाइन क्लास लेने की सुविधा नहीं है, लेकिन इस बात का ख्याल भी रखना होगा कि बच्चे स्कूल जाएं तो वहां दूसरे बच्चों से बहुत घुलें-मिलें नहीं, उचित दूरी बनाकर रखें, खाने-पीने या अन्य सामानों का लेन-देन नहीं करें, यानी कुल मिलाकर कोविड प्रॉटोकॉल का ज्यादा से ज्यादा ध्यान रखें।
ICMR की गाइडलाइंस
icmr-

उधर, सरकार ने पिछले महीने में कहा था कि अगर स्कूल के ज्यादातर स्टाफ टीका लगवा लें तो स्कूल खोले जा सकते हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा था कि प्राइमरी कक्षा के बच्चों को स्कूल बुलाया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि बच्चे कोरोना वायरस से बड़ों के मुकाबले बेहतर तरीके से लड़ पाते हैं, इसलिए पहले उन्हें ही स्कूल बुलाना चाहिए और फिर धीरे-धीरे मिडल और हाई स्कूल भी खोले जा सकते हैं। लेकिन, ज्यादातर राज्य इस सलाह के उलट कक्षा 9 से 12वीं के बच्चों को स्कूल बुलाने का मन बना रहे हैं। दरअसल, सरकार बोर्ड एग्जाम के मद्देनजर सीनियर स्टूडेंट्स को पहले स्कूल बुलाना चाहते हैं।

काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस (CISCE) आज कक्षा 10वीं और 12वीं के रिजल्ट घोषित करेगा। काउंसिल आईसीएसई और आसीएस के रिजल्ट अपनी वेबसाइट पर जारी करेगी, साथ ही बच्चों को एसएमएस के जरिए भी रिजल्ट बताया जाएगा। काउंसिल ने शुक्रवार को बताया था कि शनिवार को शाम 3 बजे ICSE बोर्ड के क्लास 10 और 12 के रिजल्ट घोषित कर दिए जाएंगे।