राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर फिर बोला हमला, कहा है कि केंद्र सरकार तीनों काले केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करे और एमएसपी की गारंटी दे।

Parmod Kumar

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यूपी गेट पर चल रहे तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध-प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के निशाने पर एक बार फिर केंद्र में सत्तासीन राष्ट्रीय जनतांत्रित सरकार है। किसान नेता राकेश टिकैत ने उत्तराखंड दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना ने इस बात पर चिंता जाहिर की है कि संसद में गुणवत्तापूर्ण बहस की कमी है। अब तो सरकार को शर्म आ जानी चाहिए। साथ ही भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार तीनों काले केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करे और एमएसपी की गारंटी दे।

जानिये- पूरा मामला

एनवी रमना ने 15 अगस्त को दिल्ली में तिरंगा फहराने बाद अपने भाषण में संसद के कामकाज की कड़ी शब्दों में निंदा की थी। उन्होंने इशारों-इशारों विपक्ष और केंद्र सरकार दोनों निशाने पर लेते कहा कि संसद में कार्यवाही के दौरान उचित बहस या चर्चा नहीं होती। पूर्व में हर कानून पर विशेष चर्चा होती थी, लेकिन अब संसद के बनाए कानूनों में खुलापन नहीं रहा। उन्होंने कहा कि संसद के कानूनों में स्पष्टता नहीं रही। हम नहीं जानते कि कानून किस उद्देश्य से बनाए गए हैं। यह जनता के लिए नुकसानदायक है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वकील और बुद्धिजीवी सदनों में नहीं हैं। सीजेआई ने कहा कि पहले संसद के दोनों सदनों में बहस पॉजिटिव और समझदारी भरी हुआ करती थी।

उत्तराखंड के मुद्दे अलग

वहीं, उत्तराखंड में राकेश टिकैत ने अहम बयान में कहा है कि यहां पहाड़ के किसानों के अलग मुद्दे हैं। मैदानी भाग के अलग मुद्दे हैं। पहाड़ के किसानों के लिए सरकार को नीति बनानी चाहिए। सरकार यहां सड़कें बनाए और पर्यटन पर काम करे। सभी इस आंदोलन से जुड़े हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर के चारों बॉर्डर (टीकरी, शाहजहांपुर, सिंघु और गाजीपुर) पर यूपी, हरियाणा और पंजाब समेत कई राज्यों के किसानों का धरना प्रदर्शन 28 नवंबर से जारी है।