गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत के साथ अन्य किसान बड़े प्रदर्शन की तैयारी में, 500 किसान शांतिपूर्ण ट्रैक्टर मार्च में भाग लेंगे।

Parmod Kumar

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मंजूरी दे दी, हालांकि किसान संगठन आंदोलन के एक साल पूरा होने के मौके पर 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं पर बड़े प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं. 40 से ज्यादा किसान संगठनों के समूह संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने कहा है कि वे अपना आंदोलन खत्म नहीं करने वाले हैं क्योंकि उनकी मांगें अब भी बाकी हैं. संगठनों की अपील के बाद बड़ी संख्या में किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर पहुंचने लगे हैं.

तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए संसद में पेश होने वाले विधेयक को मंजूरी को ‘औपचारिकता’ करार देते हुए अन्य मांगों, खासकर कृषि उपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी को पूरा करने की मांग की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करने के कुछ दिनों के बाद कृषि कानून वापसी विधेयक-2021 को मंजूरी दी गई है और अब इसे 29 नवंबर को शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान पहले दिन ही पेश किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आगामी सत्र में इन कानूनों को वापस लेना हमारी प्राथमिकता होगी.

संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर एमएसपी पर कृषि उपज की खरीद की कानूनी गांरटी सहित किसानों की छह मांगों पर बातचीत बहाल करने की मांग की. इन मांगों में लखीमपुर खीरी मामलों के संबंध में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को पद से हटाने और उन्हें गिरफ्तारी करने, किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने और प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों की याद में स्मारक बनाने की मांग शामिल है.

भारतीय किसान यूनियन (BKU) नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट किया, ‘‘यह प्रदर्शन अब तक समाप्त नहीं हुआ है. 27 नवंबर को हमारी बैठक होगी, जिसमें हम आगे का फैसला लेंगे. (प्रधानमंत्री) मोदी जी ने कहा था कि एक जनवरी से किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी, इसलिए हम पूछना चाहते हैं कि यह कैसे होगा. किसानों की जीत तब सुनिश्चित होगी जब उन्हें उनके उत्पाद का सही दाम मिलेगा.’’

सरकार अन्य मुद्दों पर बातचीत शुरू करे- किसान नेता

एसकेएम ने कुछ दिन पहले घोषणा की थी केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों के एक साल पूरा होने के मौके पर 29 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के दौरान संसद तक 500 किसान शांतिपूर्ण ट्रैक्टर मार्च में भाग लेंगे. टिकैत ने कहा है कि किसान उन रास्तों से ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे जो रास्ते सरकार ने खोल दिए हैं. उन्होंने कहा कि उनका इरादा रास्तों को बंद करना नहीं बल्कि सरकार से बात करने का है.

राष्ट्रीय किसान महासंघ (RKM) के शिवकुमार ‘कक्का’ ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “अब हम चाहते हैं कि सरकार हमारी अन्य मांगों पर भी विचार करे. आदर्श तो यह है कि कानूनों को वापस लेने का फैसला लेने के बाद, उन्हें हमारे साथ अगले दौर की वार्ता करनी चाहिए, जिसमें हम एमएसपी के मुद्दे पर भी चर्चा करेंगे. इस तरीके से सरकार दोनों विधेयकों- कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी को कानूनी मान्यता देना- पर आगे बढ़ सकती है.”