तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर पिछले चार महीने से जारी किसानों के धरना प्रदर्शन के दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत बयान आंदोलन में नए-नए ट्वीस्ट लाते रहते हैं। दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करने वाले भाकियू नेता राकेश टिकैत के बयान ने एक बार फिर संयुक्त किसान मोर्चा के समक्ष असमंज की स्थिति पैदा कर दी है। उन्होंने अपने ताजा बयान में एक बार फिर अड़ियन रुख अपनाते हुए कहा है कि वह दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर पक्के निर्माण करेंगे। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा पहले ही साफ-साफ कह चुका है कि धरना प्रदर्शन स्थल पर किसी तरह का कोई भी पक्का निर्माण नहीं किया जाएगा। वहीं, इसके उलट पिछले दिनों हरियाणा के करनाल जिले में पत्रकारों से बातचीत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार देश के किसानों की मांगें मान लें, वरना किसान दिल्ली में पक्के मकान बनाने के साथ कूलर व पंखे लगाकर अपना धरना प्रदर्शन इसी तरह जारी रखेंगे। यह बयान राकेश टिकैत ने असंध की नई अनाज मंडी में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित महापंचायत में किसानों को संबोधित करते हुए दिया था। किसान नेता राकेश टिकैत ने करनाल में ही कहा कि लगता है केंद्र सरकार की मंशा किसानों का आंदोलन रद करने की है, लेकिन आंदोलन तो धीरे-धीरे तेज होता जा रहा है। महापंचायत में किसान नेताओं ने किसान एकता पर जोर दिया और कहा कि अपने हक पर किसान किसी तरह का कुठाराघात बर्दाश्त नहीं करेंगे। उधर, इस बयान से पहले सोनीपत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत करनाल के असंध में महापंचायत जाने के दौरान बृहस्पतिवार को गन्नौर में जीटी रोड पर अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी के निकट स्थित किसान विपिन त्यागी के कार्यालय पर पहुंचे। राकेश टिकैत ने किसानों से गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचकर होली मनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसान बॉर्डरों पर ही त्योहार मना रहे हैं। जब तक सरकार तीनों कृषि कानून वापिस नहीं लेगी, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। कृषि कानून समाप्त होने के बाद ही किसान अपने घरों को लौटेंगे। इसके बाद राकेश टिकैत असंध में होने वाली किसानों की महापंचायत में भाग लेने के लिए रवाना हो गए थे। दिल्ली पुलिस द्वारा यूपी गेट पर लगाए गए टायर किलर के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने जो पौधे रोपित किए गए थे वह देखभाल के अभाव में सूख गए हैं। दरअसल, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पौधे लगाते हुए एलान किया था कि इन पौधों का हमेशा ख्याल रखा जाएगा। इन्हें सूखने नहीं दिया जाएगा। बावजूद इसके ये पौधे सूख गए। दरअसल, किसान नेता राकेश टिकैत की मौजूदगी में प्रदर्शनकारी सक्रिय रहते हैं, लेकिन उनके जाते ही यहां पर माहौल सुस्त पड़ जाता है। यहां तक कि प्रदर्शनकारियों की संख्या भी कम हो जाती है।