रमिता पदक से चूकीं, पिता बोले- हौसला नहीं टूटा, न हमारा न बेटी का, अगली बार पदक जरूर लाएगी !

parmod kumar

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इस बार फाइनल में चूकी तो कोई बात नहीं। न बेटी का हौसला टूटा है और न ही हमारा। इस बार नहीं तो अगली बार सही लेकिन बेटी देश के लिए ओलंपिक से मेडल जरूर लाएगी। उसने फोन कर अपने मैच के बारे में बताया तो वहीं कहा कि वह अपनी हार को आगे नहीं रखती बल्कि अगली बार जीत के लिए प्रयास करती रहेगी।

वह देश की झोली में एक दिन मेडल जरूर डालेगी। उधर पिता अरविंद जिंदल कहते हैं कि रमिता बेटी होते हुए भी बेटे की तरह है और हमें उस पर पूरा नाज है। छोटे से कस्बे लाडवा से ओलंपिक में जाना ही कोई छोटी बात नहीं। माता-पिता व अन्य परिजन बेटी का मैच देखने के लिए सुबह से ही टेलीविजन के आगे बैठे रहे।

बता दें कि रमिता ने अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन दूसरी सीरीज में वह पिछड़ गईं जिसके बाद वापसी नहीं कर सकीं। रमिता ने 10.2 शॉट के साथ शुरुआत की थी जिससे वह संयुक्त रूप से पांचवें स्थान पर पहुंच गई थीं और बाहर होने से 0.2 अंक आगे थीं। इसके बाद उन्होंने फिर 10.2 का शॉट खेला जिससे रमिता संयुक्त रूप से छठे स्थान पर खिसक गईं।