सुरक्षा मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल: चिकित्सा सेवाओं में आपका भरोसेमंद नाम
सुरक्षा मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल सिरसा में एक प्रमुख चिकित्सा केंद्र है, जो मेडिसिन, यूरोलॉजी, जनरल सर्जरी, हड्डी रोग, जॉइंट रिप्लेसमेंट, स्त्री एवं प्रसूति रोग, और इमरजेंसी सेवाओं के लिए जाना जाता है।
यहां सांस, शुगर, बीपी, थायराइड, पेट रोग, जहर पीड़ित, और सांप के काटने जैसे गंभीर मामलों के लिए विशेषज्ञ सुविधाएं उपलब्ध हैं।
- गुर्दे और पथरी रोगों का इलाज: गुर्दे की पथरी, पेशाब की थैली में पथरी और गदूद संबंधी समस्याओं का प्रभावी इलाज किया जाता है।
- जोड़ प्रत्यारोपण और हड्डी रोग: कूल्हे और घुटनों के दर्द व जोड़ प्रत्यारोपण से संबंधित सेवाएं यहां सफलतापूर्वक प्रदान की जाती हैं।
- महिला स्वास्थ्य सेवाएं: डॉ. कृष्णा पुनिया द्वारा गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच, नॉर्मल एवं सिजेरियन डिलीवरी, और दूरबीन द्वारा बच्चेदानी व ट्यूब की जांच की सुविधा उपलब्ध है।
- सरकारी और आयुष्मान सेवाएं: आयुष्मान कार्ड धारकों, हरियाणा सरकार के कर्मचारियों का मुफ्त इलाज एवं इंश्योरेंस पैनल की सुविधा भी उपलब्ध है।
रानिया विधानसभा क्षेत्र: ईवीएम और वीवीपैट का मिलान शुरू
हरियाणा में नई सरकार के गठन के बाद सिरसा के रानिया विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के प्रत्याशी सर्व मित्र कंबोज की शिकायत पर बड़ा कदम उठाया गया है।
- क्या है मामला:
कांग्रेस प्रत्याशी सर्व मित्र कंबोज ने कुछ बूथों पर वोटिंग प्रक्रिया में गड़बड़ी की आशंका जताई थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने नौ बूथों पर ईवीएम और वीवीपैट के मिलान का आदेश दिया है। - मिलान की प्रक्रिया:
9 से 13 जनवरी 2025 के बीच सिरसा के ट्रैफिक पार्क स्थित वेयरहाउस में यह प्रक्रिया होगी।
प्रत्येक बूथ पर ईवीएम और वीवीपैट के आंकड़ों का मिलान किया जाएगा। यदि आंकड़ों में कोई असमानता पाई जाती है, तो चुनाव परिणाम पर सवाल खड़े हो सकते हैं। - प्रभावित बूथ:
- संतनगर गांव का एक बूथ
- बड़ोनिया वाली के दो बूथ
- रानिया शहर के तीन बूथ
- धर्मपुरा, अमृतसर खुर्द, और रामपुरा थेड़ी के एक-एक बूथ
चुनावी आंकड़े और संभावनाएं
रानिया सीट पर इंडियन नेशनल लोकदल के अर्जुन सिंह चौटाला 4191 वोटों से विजयी रहे थे। कांग्रेस के सर्व मित्र कंबोज दूसरे स्थान पर रहे। भाजपा और अन्य प्रत्याशी तीसरे और चौथे स्थान पर रहे।
क्या चुनाव परिणाम बदल सकते हैं?
चुनाव आयोग के अनुसार, यदि ईवीएम और वीवीपैट में असमानता पाई जाती है, तो यह मामला कोर्ट तक जा सकता है। वहीं, यदि आंकड़े मेल खाते हैं, तो वर्तमान परिणाम यथावत रहेंगे।
कांग्रेस की शिकायत और आगामी प्रक्रिया
कांग्रेस ने अन्य विधानसभाओं में भी चुनावी गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं और कुछ मामलों को हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
निष्कर्ष:
ईवीएम और वीवीपैट का मिलान इस चुनावी विवाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सभी की नजरें 9 से 13 जनवरी तक चलने वाली इस प्रक्रिया पर टिकी हैं।