हरियाणा में ई-टेंडरिंग पर JJP में रार:MLA सिहाग और पंचायत मंत्री में खींचतान

Parmod Kumar

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हरियाणा की जननायक जनता पार्टी में (JJP) में घमासान मच गया है। विधायक अपने ही पंचायत मंत्री के खिलाफ मुखर हो गए हैं। पार्टी के विधायक जोगी राम सिहाग और मंत्री देवेंद्र बबली पंचायतों में ई-टेंडरिंग विवाद के चलते आमने सामने हैं। जोगीराम सिहाग से पहले दिग्विजय चौटाला भी सरपंचों की तरफदारी कर चुके हैं। ऐसे में अब जेजेपी के विधायकों के आपसी विवाद भी जगजाहिर होना शुरू हो चुके हैं और पार्टी में रार पैदा हो रही है। 

हिसार के बरवाला विधायक जोगीराम सिहाग ने हिसार एयरपोर्ट के रास्ते को लेकर सरकार और डिप्टी सीएम के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। वहीं अब पंचायत मंत्री के खिलाफ भी मुखर हो गए हैं। सिहाग ने ई-टेंडिरंग में सबसे बड़ी अड़चन पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली को बता दिया।

सिहाग ने कहा कि जब 10 जनवरी को भाजपा-जजपा विधायकों की बैठक हुई थी, तब भी मैंने इसे वापस लेने की बात कही थी। अनिल विज ने भी इस बात का समर्थन किया था, लेकिन बबली ने कहा था कि 80 प्रतिशत सरपंच इससे खुश हैं। मैंने उनकी बात को गलत ठहराया था। तब सीएम ने बीच बचाव किया था। वहीं बबली ने सिहाग के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि पता नहीं वे किस दुनिया में रहते हैं। सरपंचों को समझाने की बजाए उकसाने का काम करते हैं।

धरने में पहुंचे विधायक जोगीराम सिहाग।

दिग्विजय चौटाला भी कर चुके हैं सरपंचों की तरफदारी
ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल के फैसले पर जजपा नेता दिग्विजय चौटाला भी खुश नहीं है। सिरसा में सरपंचों के धरने पर पहुंचे दिग्विय चौटाला ने कहा था कि वह सरपंचों की मांग सुनने के लिए आया था। सरकार को इनकी बात सुननी चाहिए। मेरी राय है कि प्रजातांत्रिक प्रणाली में शक्तियां चुने गए प्रतनिधियों के पास होनी चाहिए। सरपंचों की नाराजगी का खामा सभी को उठाना पड़ा। ई टेंडरिंग में बदलाव करना चाहिए और 2 लाख से राशि बढ़ाई जाए। अफसर ने रिटायर्ड होने के बाद घर बैठ जाना है, लेकिन हमने 5 साल बाद जनता के बीच जाना होता है। इसलिए सरकार को इस मामले का समाधान करना चाहिए।

मंत्री पद न मिलने से गौतम नाराज
हरियाणा में जजपा ने साल 2019 विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीती थी। भाजपा को समर्थन देकर गठबंधन में सरकार बनाई और दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम बने। सबसे पहले नारनौंद के विधायक रामकुमार गौतम मंत्री पद न मिलने से अपनी पार्टी से नाराज हो गए। आज भी वे डिप्टी सीएम को कोसने का मौका नहीं छोड़ते। मौजूदा समय में 10 में से 4 विधायक पार्टी से नाराज हैं।

सुरजाखेड़ा को बनाया था खादी एवं ग्रामो उद्योग बोर्ड का चेयरमैन
नरवाना के विधायक राम निवास सुरजाखेड़ा को अक्टूबर 2020 में संतुष्ट करने के लिए खादी एवं ग्रामो उद्योग बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया था। शहरी निकाय चुनाव में सुरजाखेड़ा का भाजपा प्रेम जागा और निर्दलीय जीती चेयरपर्सन व पार्षदों को सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में भाजपा में शामिल करवा दिया। इसके बाद जजपा ने नाराजगी दिखाई और उससे ग्रामो उद्योग बोर्ड के चेयरमैन का पद छीन लिया। इसके बाद विधायक के समर्थकों ने उसका पुतला भी फूंका। गुहला चीका के विधायक ईश्वर सिंह भी अपने क्षेत्र में विकास कार्य न होने पर नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं।

विधायक रामकुमार गौतम ने सबसे पहले मंत्री पद न मिलने पर नाराजगी जाहिर की थी

फतेहाबाद जिला परिषद चुनाव में भी उभरी थी रार
फतेहाबाद जिला परिषद के चुनाव में भी जजपा की रार स्पष्ट दिखी। पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली अपने समर्थक को जिला परिषद का चेयरमैन बनाना चाहते थे, लेकिन जजपा के प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह और भाजपा नेताओं ने अपने साझे उम्मीदवार को चुनाव जिताया।

2024 में होने हैं चुनावनाराज की टिकट कटना तय
हरियाणा में अगले विधानसभा चुनाव साल 2024 में है। इन चुनावों में पार्टी की ओर से नाराज विधायकों की टिकट काटना तय है। नारनौंद और नरवाना में पार्टी का नए उम्मीदवार उतारा जाना तय है। गुहला चीका विधायक ईश्वर सिंह भी चुनावों से पहले कांग्रेसी थे और टिकट न मिलने पर जजपा से लड़े थे। ऐसे में वे भी पुरानी पार्टी में लौट सकते हैं। वहीं नरवाना विधायक राम निवास सुरजाखेड़ा अपने क्षेत्र में विकास कार्य करवाने के लिए सीएम को श्रेय दे चुके हैं। वे भगवा रंग में रंग सकते हैं। रामकुमार गौतम अगला चुनाव न लड़ने की बात कई बार सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं।