किसान आंदोलन खत्म हो गया है. सरकार ने किसानों की मांगें मान ली है और अब किसानों ने भी धरना खत्म करने का ऐलान कर दिया है. वहीं, पंजाब-हरियाणा में लगभग सालभर से बंद पड़े टोल प्लाजा अब आंदोलन खत्म होने के बाद दोबारा शुरू होने की तैयारी में हैं.
बता दें कि पंजाब और हरियाणा में नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर 2 दर्जन से ज्यादा टोल प्लाजा पर किसान धरना दे रहे थे. इसकी वजह से यहां टोल वसूली नहीं हो रही थी. अब किसान आंदोलन खत्म होने के साथ ही कंपनियों ने टोल प्लाजा पर टैक्स वसूली की तैयारी कर ली है.
फिलहाल पुराने रेट पर ही टोल लगेगा, लेकिन संभावना है कि नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार टोल प्लाजा के रेट बढ़ा सकती है. हरियाणा में करनाल के बसताड़ा टोल के मैनेजर भानु प्रताप ने बताया कि अभी किसान उन्हें टोल चलाने के लिए अनुमति नहीं दे रहे हैं. किसानों की सहमति के बाद टोल शुरू किया जाएगा. हमारे पास कर्मचारी व अन्य सभी प्रकार की व्यवस्था पूरी है.
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार, अंबाला में एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वीरेंद्र शर्मा ने कहा कि 11 दिसंबर को किसानों के उठते ही शाम तक सारे टोल फंक्शनिंग में आ जाएंगे और उन पर टोल लगना शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि टोल प्लाजा फिर से शुरू करने की तैयारियां मुकम्मल कर ली गई हैं.
दिल्ली जाने वाले रूटों पर टोल की स्थिति
चंडीगढ़ से दिल्ली के बीच 4 टोल प्लाजा पड़ते हैं. इनमें दप्पर, घरौंडा (करनाल), पानीपत और मुरथल में टोल प्लाजा है. यहां वाहन चालको को एक तरफ के सफर पर ढाई सौ से 300 रुपए टोल देना पड़ेगा. अमृतसर से दिल्ली के बीच 8 टोल प्लाजा हैं. ढिलवां, निज्जरपुरा, लाडोवाल, शंभू, घरौंडा (करनाल), पानीपत और मुरथल में कार चालकों को एक तरफ के सफर पर लगभग 500 रुपए टोल देना पड़ेगा.
वहीं, हिसार से दिल्ली के बीच 3 टोल रोहाड़, मदीना कोरसां और रामायण में कार चालकों को एक तरफ के सफर पर लगभग 205 रुपए टोल देना पड़ेगा. उधर, हिसार से पानीपत के बीच 2 टोल दहर और रामायण हैं और यहां पर कार चालकों को एक तरफ के सफर पर लगभग 175 रुपए टोल देना पड़ेगा.