हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य में गिरते भूजल को बचाने के लिए इस वर्ष भी फसल विविधीकरण योजना ‘’मेरा पानी-मेरी विरासत’ को लागू रखने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। ‘’मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना गत वर्ष लागू की गई थी तथा लगभग एक लाख एकड़ धान की फसल का वैकल्पिक फसलों द्वारा विविधीकरण किया गया था। इस वर्ष फसल विविधीकरण के अंतर्गत दो लाख एकड़ भूमि का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के तहत किसानों को धान के स्थान पर वैकल्पिक फसलों (कपास, मक्का, दलहन, मूंगफली, तिल, ग्वार, अरण्ड, सब्जियां व फल) की बिजाई करनी होगी जिसके फलस्वरूप प्रति एकड़ सात हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दो किस्तों में दी जाएगी। इस योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसानों को ‘’मेरा पानी-मेरी विरासत’ पोर्टल पर 25 जून 2021 तक पंजीकरण करना होगा।
कृषि मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत जिन किसानों ने पिछले वर्ष अपने धान के क्षेत्र को वैकल्पिक फसलों द्वारा विविधिकरण किया था तथा चालू खरीफ सीजन में भी यदि वो उस क्षेत्र में वैकल्पिक फसलों की बिजाई करते हैं तो उन्हें भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस योजना के अंतर्गत जो किसान पिछले वर्ष धान बिजांत क्षेत्र में चारे की फसल लेते हैं व अपने खेत को खाली रखते हैं उन्हें भी प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत सभी वैकल्पिक फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा खरीदा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस फसल विविधीकरण योजना के अंतर्गत सभी वैकल्पिक फसलों का बीमा भी विभाग द्वारा करवाया जाएगा जिसके प्रीमियम की अदायगी प्रोत्साहन राशि से की जाएगी।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डाॅ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि फसल विविधीकरण को बढावा देने तथा किसानों को जागरूक करने के उद्देश्य से गांव स्तर पर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा वैकल्पिक फसलें बिजाई करने की पूर्ण जानकारी दी जाएगी। कृषि विभाग व कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा किसानों को वैकल्पिक फसलों की आधुनिक तकनीक से बिजाई करने व अच्छी पैदावार लेने के लिए प्रदर्शन प्लांट भी आयोजित किए जाएंगे।