इस समय बाजार में सीमेंंट का दाम 100 रुपये प्रति कट्टा तक कम हुआ तो रेत-बजरी और सरिये की कीमत में 300 से 500 रुपये की बड़ी गिरावट आई है।
यह उन लोगों के लिए अच्छी और राहत भरी खबर है जो सामान्य वर्ग में हैं और अपना घर बनाना चाहते हैं। बाजार में मांग में भारी कमी सहित पैसे के कम फ्लो के कारण निर्माण सामग्री के दाम में भारी कमी आई है। मांग कम होने से निर्माण सामग्री संबंधी कंपनियों को अपनी कीमतें कम करनी पड़ी हैं।
इसका असर यह है कि सरिया, सीमेंट, बजरी व अन्य निर्माण सामग्री के दाम 30 प्रतिशत तक गिर गए हैं। इसके अलावा पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में स्थिरता भी गिरावट का मुख्य कारण बताई जा रही है।
इस समय बाजार में सीमेंंट का दाम 100 रुपये प्रति कट्टा तक कम हुआ तो रेत-बजरी और सरिये की कीमत में 300 से 500 रुपये की बड़ी गिरावट आई है। निर्माण सामग्री में गिरावट आने का बड़ा कारण बाजार में रुपयों का लेन-देन में कमी आना भी है। इसका असर शहरी क्षेत्र में कम तो देहात के क्षेत्र में अधिक पड़ा है।
इसी कारण में निर्माण सामग्री की बाजार भी मंदे में है। इस क्षेत्र में मांग अब घटकर 50 प्रतिशत तक ही रह गई है। पुरानी सब्जी मंडी स्थित निर्माण सामग्री के व्यापारी करण चौधरी ने बताया कि बाजार में पिछले कई महीनों में काम काफी कम हुआ है। बाजार में मांग कम होने से दाम गिरे हैं।
कैथल के जिला उपायुक्त जगदीश शर्मा ने ईंटों की कीमत 5500 रुपये प्रति एक हजार तय कर दी है। दो एसोसिएशन में से एक ने इनकी कीमतें 7000 रुपये तय करने की मांग की थी तो दूसरी ने 5500 रुपये प्रति हजार। डीसी ने अधिकारियों से चर्चा के बाद ईंटों की सरकारी कीमत 5500 रुपये प्रति एक हजार तय की है। भट्ठा मालिक एसोसिएशन के प्रधान रामकुमार बंसल ने बताया कि जिला उपायुक्त के आदेश के बाद ईंटों की सरकारी कीमत 5500 रुपये व टाइलों की कीमत भी 5500 रुपये निर्धारित कर दी गई है।
ग्रामीण क्षेत्र ग्राहक से आने वाला व्यापार घटा
कबूतर चौक स्थित निर्माण सामग्री के व्यापारी सोम प्रकाश जिंदल ने बताया कि इस समय देहात यानी ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहक से आने वाला व्यापार काफी कम हुआ है। जबकि शहरी क्षेत्र का कार्य भी 50 प्रतिशत तक रह गया है।
ये हैं वर्तमान में दाम
सामग्री दाम अब छह महीने पहले
इसका असर यह है कि सरिया, सीमेंट, बजरी व अन्य निर्माण सामग्री के दाम 30 प्रतिशत तक गिर गए हैं। इसके अलावा पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में स्थिरता भी गिरावट का मुख्य कारण बताई जा रही है।
इस समय बाजार में सीमेंंट का दाम 100 रुपये प्रति कट्टा तक कम हुआ तो रेत-बजरी और सरिये की कीमत में 300 से 500 रुपये की बड़ी गिरावट आई है। निर्माण सामग्री में गिरावट आने का बड़ा कारण बाजार में रुपयों का लेन-देन में कमी आना भी है। इसका असर शहरी क्षेत्र में कम तो देहात के क्षेत्र में अधिक पड़ा है।
इसी कारण में निर्माण सामग्री की बाजार भी मंदे में है। इस क्षेत्र में मांग अब घटकर 50 प्रतिशत तक ही रह गई है। पुरानी सब्जी मंडी स्थित निर्माण सामग्री के व्यापारी करण चौधरी ने बताया कि बाजार में पिछले कई महीनों में काम काफी कम हुआ है। बाजार में मांग कम होने से दाम गिरे हैं।
कैथल के जिला उपायुक्त जगदीश शर्मा ने ईंटों की कीमत 5500 रुपये प्रति एक हजार तय कर दी है। दो एसोसिएशन में से एक ने इनकी कीमतें 7000 रुपये तय करने की मांग की थी तो दूसरी ने 5500 रुपये प्रति हजार। डीसी ने अधिकारियों से चर्चा के बाद ईंटों की सरकारी कीमत 5500 रुपये प्रति एक हजार तय की है। भट्ठा मालिक एसोसिएशन के प्रधान रामकुमार बंसल ने बताया कि जिला उपायुक्त के आदेश के बाद ईंटों की सरकारी कीमत 5500 रुपये व टाइलों की कीमत भी 5500 रुपये निर्धारित कर दी गई है।
ग्रामीण क्षेत्र ग्राहक से आने वाला व्यापार घटा
कबूतर चौक स्थित निर्माण सामग्री के व्यापारी सोम प्रकाश जिंदल ने बताया कि इस समय देहात यानी ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहक से आने वाला व्यापार काफी कम हुआ है। जबकि शहरी क्षेत्र का कार्य भी 50 प्रतिशत तक रह गया है।
ये हैं वर्तमान में दाम
सामग्री दाम अब छह महीने पहले
- सीमेंट 350 450
- सरिया 6100 6600-6700
- रेत 3000 3700
- बजरी 3700 4200
- ईंट 5500 6000