रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया 1 अगस्त से सैलरी और पेंशन को लेकर बदल रहा यह नियम, कहा 24 घंटे काम करेगी यह सर्विस।

Parmod Kumar

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आज जुलाई महीने का आखिरी दिन है और कल यानी रविवार से अगस्त महीने की शुरुआत हो रही है. अगस्त महीने में आपकी सैलरी से संबंधित एक खास नियम में बदलाव होने जा रहा है. दरअसल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जून में मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के बाद ऐलान किया था कि NACH सिस्टम अब सप्ताह के सातों दिन और 24 घंटे काम करेगा. इसके कारण अब शनिवार और रविवार को जब बैंक बंद रहेंगे, उसके बावजूद आपकी सैलरी आ सकती है.

NACH (नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस) की मदद से ही एंप्लॉयर की तरफ से एंप्लॉयी की सैलरी बैंक की मदद से दी जाती है. एनएसीएच सर्विस को NPCI चलाता है. इसके जरिए बल्क पेमेंट किए जाते है. जैसे सैलरी का भुगतान करना, शेयरधारकों को डिविडेंड देना, ब्याज का भुगतान करना, पेंशन ट्रांसफर करना जैसे काम इसी सिस्टम की मदद से किए जाते हैं. इसके अलावा इलेक्ट्रिसिटी, टेलीफोन, पानी जैसे हर महीने के बिल का भुगतान भी होता है.

क्या होता है NACH

एनएसीएच को नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH) कहते है. इसका संचालन नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) करता है. इसकी मदद से आमतौर पर बल्क पेमेंट की जाती है. बैंकिंग क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम (ECS) के मुकाबले एनपीसीआई का एनएसीएच काफी बेहतर सिस्टम है. यह ईसीएस का अडवांस वर्जन है.

दो तरीके से करता है काम NACH सिस्टम

NPCI की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यह सिस्टम दो तरीक से काम करता है. एक NACH Debit होता है. इसका इस्तेमाल आमतौर पर टेलीफोन बिल भुगतान, म्यूचुअल फंडों में SIP और बिजली बिलों का भुगतान करने के लिए किया जाता है. दूसरा NACH Credit होता है. एनएसीएच क्रेडिट का इस्तेमाल सैलरी, डिविडेंड देने के लिए किया जाता है. एनएसीएच मैंडेट आपकी ओर से संस्थानों को आपके खाते से पैसे काटने और जमा करने के लिए दी जाने वाले मंजूरी होती है.

कैसे काम करता है NACH

इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं. मान लें कि आपने एक जीवन बीमा प्लान खरीदा है. बीमा शुरू होने से पहले आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्रीमियम पेमेंट की अवधि फिक्स कर सकते हैं. इसमें आपको कुछ भी याद रखने की जरूरत नहीं है कि अगला प्रीमियम कब भरना होगा और उसकी तारीख क्या होगी. एनएसीएच खुद इसे ट्रैक करता है और आपको इसकी जानकारी देता है. आप चाहें तो इसके लिए ऑटो डेबिट भी तय कर सकते हैं. इससे लेट फीस देने से बच जाते हैं. इसके लिए ई-मैंडेट की सुविधा शुरू की गई है. इसके साथ ही इसका प्रोसेसिंग समय 21 दिनों से घटाकर केवल 2 दिन कर दिया गया है. आप नेट बैंकिंग ट्रांजेक्शन से ई-मैंडेट सेट कर सकते हैं. ई-मैंडेट के लिए आवेदन करने के लिए बस आपके पास आधार नंबर से से जुड़ा हुआ बैंक खाता होना चाहिए.