रोचक है सिरसा की राजनीती

parmod kumar

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laxman das arora
सिरसा की सियासत

सिरसा की सियासत
आसन्न विधानसभा चुनाव को लेकर अभी बेशक एक साल का वक्त शेष है, लेकिन चुनावी सरगर्मियां अभी से तेज हो गई हैं। सिरसा विधानसभा क्षेत्र सिरसा जिला का एक महत्वपूर्ण हलका है। यहां अब तक हुए 12 चुनाव में 5 बार कांग्रेस, 1 बार भारतीय जनसंघ, एक बार भाजपा, दो बार लोकदल, दो आजाद उम्मीदवारों को जीत मिली है। 1977 में जनता पार्टी के शंकरलाल जीते। उस समय देवीलाल ने जनता पार्टी के बैनर तले ही चुनाव लड़ा था। हलोपा के गोपाल कांडा ने यहां से पहले से ही चुनाव लडऩे का ऐलान किया हुआ है तो युवा नेता गोकुल सेतिया भी चुनावी समर में उतरने को तैयार हैं। पिछली बार गोकुल की माता सुनीता सेतिया भाजपा से उम्मीदवार थीं। इनैलो की ओर से अभी पते नहीं खोले गए हैं तो कांग्रेस में स्थिति एक अनार सौ बीमार वाली है। कांग्रेस से पिछली बार नवीन केडिया उम्मीदवार थे। उनके अलावा यहां से कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता होशियारी लाल शर्मा व किसान खेत मजदूर कांग्रेस के प्रदेश सचिव भूपेश मेहता दावेदार हैं। केडिया को पिछले चुनाव में करीब 10 हजार वोट ही मिले थे। ऐसे में सिरसा में कांग्रेस किसी सशक्त उम्मीदवार की तलाश में है। खास बात यह है कि इस समय कांग्रेस गुटों में बंटी हुई है। वैसे तो भूपेश मेहता को सियासत में रणदीप सुर्जेवाला लेकर आए, लेकिन उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डा. अशोक तंवर संग संगठन में खूब पसीना बहाया। सिरसा पंजाबी बाहुल्य सीट है। पंजाबी कार्ड के चलते मेहता की दावेदारी मजबूत बनती है।
12 बरस से कांग्रेस में सक्रिय
मेहता ने अपनी स्कूङ्क्षलग पढ़ाई सिरसा और दिल्ली से पूरी की। इसके बाद उन्होंने साल 1984 में मेरठ कृषि विश्वविद्यालय से बी.एस.सी. (हॉनर्स) एग्रीकल्चर की डिग्री हासिल की। अपने कृषिकीय ज्ञान को उन्होंने गांव केलनियां में अपनी पुश्तैनी जमीन में लगाया। इसके बाद उन्होंने साल 1993 में सिरसा में बीज कारखाना लगाया। कृषि उद्योग में उन्होंने कई आयाम स्थापित किए और इस दौरान वे सामाजिक गतिविधियों में पूरी तरह से सक्रिय दिखे। साल 2004 में कांग्रेस नेता रणदीप सुर्जेवाला ने मेहता की नेतृत्व क्षमता को परखा तो उन्हें हरियाणा यूथ कांग्रेस किसान सेल का उपाध्यक्ष बनाया। 2006 में उन्हें ब्लॉक कांग्रेस सिरसा का अध्यक्ष बनाया गया और इस पद पर वे 2014 तक रहे। इसी बीच साल 2007 में उन्हें हरियाणा किसान खेत मजदूर कांग्रेस का प्रदेश सचिव मनोनीत किय गया। भूपेश मेहता ने जहां साल 1993 में बीज कारखाना लगाया, वहीं साल 2008 में उन्होंने मोरीवाला गांव बहुतकनीकी संस्थान स्थापित किया। इसके बाद उन्होंने आईटीआई कालेज खोला और 2015 में उन्होंने श्रीराम बी.आर. ग्लोबल स्कूल की स्थापना की। इसके अलावा वे करीब एक दर्जन से अधिक सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़े हुए हैं।
पंजाबी कार्ड निभाता है अहम रोल
सिरसा विधानसभा क्षेत्र में अरोड़ा-खत्री समुदाय के करीब 29 हजार वोट हैं। यह एक बड़ा वोट बैंक है। यही वजह है कि यहां से पंजाबी समाज से पांच बार लछमन दास अरोड़ा विधायक रहे हैं। पिछले कुछ चुनाव में महत्वपूर्ण दल पंजाबी कार्ड भी खेलते आए हैं। भूपेश मेहता पिछले करीब 12 बरस से कांग्रेस की सियासत में सक्रिय हैं और इस समय सिरसा में कांग्रेस के लिहाज से वे एक पंजाबी चेहरा हैं। पंजाबी कार्ड को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस उन पर दांव खेल सकती है।

सिरसा की सियासत
सिरसा की सियासत

सिरसा से अब तक रहे विधायक
वर्ष               विधायक            पार्टी
1967      लछमन दास अरोड़ा  भारतीय जनसंघ
1968       प्रेम सुखदास         कांग्रेस
1972      प्रेम सुखदास          कांग्रेस
1977      शंकरलाल            जनता पार्टी
1982      लछमन दास अरोड़ा  आजाद
1987      हजार चंद कम्बोज    लोकदल
1991      लछमन दास अरोड़ा   कांग्रेस
1996      प्रो. गणेशीलाल        भाजपा
2000     लछमन दास अरोड़ा   कांग्रेस
2005     लछमन दास अरोड़ा   कांग्रेस
2009     गोपाल कांडा          आजाद
2014     मक्खन सिंगला         इनैलो

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