पूर्व एडीजीपी वाई पूरण कुमार पर वायरल वीडियो व पांच पेज के सुसाइड नोट में भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर आत्महत्या करने वाले रोहतक की साइबर सेल के एएसआई संदीप लाठर का शव उसके मामा के गांव लाढ़ोत में रखा हुआ है। मुख्यमंत्री नायब सैनी परिवार को सांत्वना देने गांव में पहुंचे हैं। इस दौरान प्रदेश सरकार के मंत्री महिपाल ढांडा व कृष्ण लाल पंवार और स्थानीय नेता भी साथ रहे। बता दें कि मुख्यमंत्री का आज मस्तनाथ विवि के दीक्षांत समारोह में आने का पहले से कार्यक्रम तय था।
वहीं, मृतक के परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया है और FIR दर्ज करने और आरोपी अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के OSD गांव पहुंचे। वे परिजनों से मांग पत्र लेकर दिल्ली भेजेंगे ताकि पोस्टमार्टम के लिए उन्हें मनाया जा सके। इसी बीच, विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी शाम 4 बजे लाढ़ौत गांव पहुंच रहे हैं, जहां वे संदीप के परिवार से मिलेंगे और न्याय की मांग को समर्थन देंगे।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एएसआई संदीप लाठर के मामा के घर पहुंचकर मृतक के परिवार को सांत्वना दी। संदीप की आत्महत्या के बाद परिवार ने शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद सीएम के आगमन पर परिजनों ने न्याय की गुहार लगाई। सैनी ने परिवार को आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों को सजा मिलेगी। वहीं, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जिला उपायुक्त को निष्पक्ष जांच के सख्त आदेश दिए हैं। इसके साथ ही कहा कि कानून के दायरे में निष्पक्ष जांच हो और पोस्टमार्टम तुरंत करवाएं।
इनेलो नेता सुनैना चौटाला ने मृतक के परिवार से मुलाकात की और कहा कि पार्टी परिवार के साथ खड़ी है, जांच निष्पक्ष होनी चाहिए, लीपापोती बर्दाश्त नहीं की जाएगी और परिवार को पूर्ण न्याय मिलना चाहिए। वहीं, संदीप ने अपने सुसाइड नोट में पूरन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं।
सात अक्तूबर को आईपीएस अधिकारी एडीजीपी वाई पूरण कुमार ने चंडीगढ़ स्थित आवास पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। वे रोहतक रेंज के पूर्व आईजी थे। साथ ही पीटीसी सुनारिया आईजी के तौर पर 29 सितंबर को तबादला हुआ था। उसी दिन अर्बन एस्टेट थाने में दर्ज मंथली मांगने के केस में रोहतक पुलिस ने पूर्व आईजी के सुरक्षाकर्मी हवलदार सुशील कुमार को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था। अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत के चलते जेल भेज दिया था।











































