सरकार द्वारा यूरिया की कालाबाजारी और दुरूपयोग की आशंका को देखते हुए अब यूरिया की ब्रिकी के नियमों को ज्यादा सख्त कर दिया गया है। अब से भारत सरकार अपने पोर्टल पर जो भी सूचनाएं डालेगी उन्हें पहले जिलास्तरीय अधिकारी मॉनिटर करेंगे। इस प्रक्रिया के बाद ही किसानों को खेती योग्य ज़मीन के आधार पर ही यूरिया दिया जाएगा। नियमों के अनुसार अब सहायक निबंधन एवं सहायक आयुक्त सहकारिता एवं जिला गन्ना अधिकारी पूरी जांच के बाद उसकी रिपोर्ट जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में पेश करेंगे। ये तीनों विभाग अलग-अलग रिपोर्ट तैयार करेंगे। साथ ही अब यूरिया बिक्री केंद्रों पर Paytm, Googlepay, Phonepe से भुगतान कर भी किसान यूरिया खरीद सकेंगे। सरकार के नए नियम के अनुसार अब एक किसान एक फसल के लिए अधिकतम 50 बोरे यूरिया ही खरीद पाएगा और एक बार में पांच बोरे ही मिलेंगे। यानि किसान चाह कर भी 50 बोरे से ज्यादा यूरिया नहीं खरीद सकेंगे। यूरिवा की बिक्री केवल आधार कार्ड के बेस ई-पोस मशीन द्वारा की जाएगी। इसके साथ ही किसनों को यह भी बताया जा रहा है कि वो खेत में यूरिया का हद से ज्यादा इस्तेमाल न करें। इससे फसल को नुकसान भी हो सकता है। बता दें कि यूरिया की कालाबाजारी को रोकने के लिए ही ये कदम उठाया गया है। इन नए नियमों के अनुसार अब एक किसान को एक बार में सिर्फ पांच और एक फसल के लिए ज्यादा से ज्यादा 50 बोरे यूरिया ही मिलेगा। कृषि विभाग द्वारा यूरिया वितरण को लेकर 22 बिदुओं की कार्ययोजना तैयार की गयी थी। जिसके तहत जिला कृषि अधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी और कोऑपरेटिव को ये आदेश दिए गए थे कि वह इन सभी बिदुओं पर अमल करते हुए ही यूरिया की ब्रिकी करवाए।