हिसार में रोडवेज की बसों में लटक कर जाते स्कूल-कॉलेज; किसी को चिंता नहीं

Parmod Kumar

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हरियाणा के हिसार में कई गांवों के छात्र-छात्राओं को स्कूल-कॉलेज जाने के लिए भी हर रोज जंग लड़नी पड़ती है। बसों की कमी के चलते वे बस की खिड़कियों और यहरं तक पीछे भी लटक कर जान जोखिम में डालकर सफर करने को विवश हैं। न तो इस तरफ रोडवेज के अधिकारियों का ध्यान है और न ही बस के चालक-परिचालक ही इसको लेकर गंभीर हैं। जो भी छात्रों को बसों पर लटके देखता है, वह किसी अनहोनी की आशंका से सिहर जाता है।बताया गया है कि हिसार के लगभग हर गांव से हर रोज हजारों विद्यार्थी अपने स्कूल-कॉलेज में पढ़ने के लिए जाते हैं। लगभग हर गांव से बसें चलती हैं, लेकिन छात्र-छात्राओं की समस्या कम नहीं हो रही। इसी प्रकार की एक बस सेवा गांव घिराय- सुलखनी -धांसू हिसार रूट पर चल रही है। यहां सुबह बसों की सेवा बड़ी सीमित है और छात्र बसों में खिड़कियों व बस के पीछे लटक कर सफर करने पर विवश है। उनको तो हर हाल में समय पर संस्थान पहुंचने की जल्दी होती है। स्कूल कॉलेज आने जाने वाले छात्र 21वीं सदी के भारत में भी अपनी जान हथेली पर रखकर सफर कर रहे हैं जरा सी चूक हो गई तो सीधा मौत के मुंह में समा जाएंगे। ऐसा ही एक वीडियो वायरल हुआ है घिराय-धांसू-हिसार रूट पर चल रही है। मंगलवार सुबह यहां चलने वाली राज्य परिवहन की बस का खौफनाक सफर लोगों ने मोबाइल फोन में कैद किया। बस तेज रफ्तार से दौड़ रही है और कुछ छात्र जहां खिड़कियों में लटके हैं, वहीं कई बस के पीछे बिना किसी सॉलिड स्पोर्ट के लटके दिखाई देते हैं। पीछे वाले हिस्से पर विद्यार्थी स्कूल बैग भी साथ लिए हैं। जरा सी लापरवाही में छात्र की जान भी जा सकती है। इसमें सीधे तौर पर चालक व परिचालक की लापरवाही मानी जा रही है। खिड़की और बस के पीछे वाले हिस्से में लटकना गैरकानूनी है, लेकिन इसकी चिंता न तो चालक परिचालक को है और न ही जान जोखिम में डाल कर सफर कर रहे विद्यार्थियों को है।