राजस्थान में 1 सितंबर से क्लास 9 से 12वीं तक के स्कूलों को फिर से खोला जा रहा है. इसके साथ ही छोटे बच्चों की क्लासेज को भी अनलॉक किए जाने पर बातचीत चल रही है. हालांकि इस पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. नीति आयोग ने इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को सिफारिश भेजी है. जिसमें कहा गया है कि जिन जगहों पर 70 फीसदी टीचर्स और स्कूल स्टाफ को कोरोना वैक्सीन की एक डोज भी अगर लग चुकी है तो वहां प्राइमरी स्कूल खोले जा सकते हैं.
बता दें कि राजस्थान के सरकारी स्कूलों में करीब 80 से 90 फीसदी टीचर्स को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं. अगर नीति आयोग की सिफारिश को केद्र और राज्य सरकार मंजूर कर लेती है तो राज्य में जल्द ही बड़े बच्चो के साथ ही छोटे बच्चों के भी स्कूल खोले जा सकते हैं. खबर के मुताबिक राज्य के प्राइमरी स्कूलों में 1.59 लाख और माध्यमिक स्कूलों में 1.56 लाख टीचर्स को कोरोना वैक्सीन की दोनो डोज लग चुकी हैं. यही वजह है कि नीति आयोग ने स्कूलों को खोले जाने की सिफारिश की है.
90 फीसदी टीचर्स को लगी कोरोना वैक्सीन
एजुकेशन डिपार्टमेंट के मुताबिक बचे हुए टीचर्स में ज्यादातर को वैक्सीन की पहली खुराक लग चुकी है. वहीं प्राइवेट स्कूल संचालकों के मुताबिक उनके यहां भी 80 फीसदी टीचर्स और स्टाफ वैक्सीन की एक डोज लगवा चुका है. प्राइमरी स्कूलों के 90 फीसदी और माध्यमिक स्कूलों के 80 फीयदी टीचर्स वैक्सीन की दोनो डोज लगवा चुके हैं. बचे हुए टीतर्स को भी जल्द गही वैक्सीन लग जाएगी.
बचे हुए टीचर-स्टाफ का भी होगा वैक्सीनेशन
शिक्षा विभाग के मुताबिक प्रइवेट स्कूलों में करीब 11 लाख टीचर्स और कर्मचारी कम कर रहे हैं. इनमें 80 फीसदी स्टाफ को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है. वहीं 30-40 फीसदी लोग वैक्सीन की दूसरी डोज लगवा चुके हैं. विभाग का कहना है कि शिविरों के जरिए बचते हुए स्टाफ का भी जल्द वैक्सीनेशन कराया जाएगा. सरकार नीति आयोग की सिफारिश के हिसाब से स्कूल खोल सकती है.