हरियाणा के चंडीगढ़ में नए विधानसभा भवन को लेकर पेंच फंस गया है। हरियाणा के 10 एकड़ जमीन के बदले जमीन देने के फॉर्मूले पर केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ ने ना कर दी है। यूटी प्रशासन अब 20 एकड़ जमीन की मांग कर रहा है। इस मुद्दे को लेकर हाल ही में चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों की हुई एक अहम बैठक में यह मांग रखी गई।
दूसरे विकल्पों पर कर रहा विचार
यूटी हरियाणा के द्वारा जमीन के बदले जमीन दिए जाने के अलावा दूसरे विकल्पों पर भी विचार कर रहा है। मीटिंग में अधिकारियों ने कहा कि मनसा देवी के पास जमीन के बजाय चंडीगढ़ से लगती हुई पॉश एरिया में जमीन दी जाए। इससे भविष्य में यूटी इस भूमि का प्रयोग अपने लिए भी कर सकेगा। अधिकारियों का कहना है कि चंडीगढ़ शहर से दूसरे शहरों की तुलना कर जमीन नहीं दी सकती। केंद्रीय गृह मंत्रालय को चंडीगढ़ प्रशासन पहले ही शहर में किसी को भी मार्केट रेट से कम भूमि देने पर मना कर चुका है। ऐसे में अब हरियाणा के साथ ही चंडीगढ़ भी दूसरे विकल्पों पर विचार कर रहा है। अन्य विकल्पों में जमीन के बदले चंडीगढ़ प्रशासन से हरियाणा से प्रति एकड़ भूमि की कीमत भी लेने पर विचार भी कर रहा है।
हरियाणा को देने पड़ सकते हैं 640 करोड़
जमीन के बदले जमीन पर बात नहीं बनने पर हरियाणा को नई विधानसभा के लिए 640 करोड़ रुपए भी देने पड़ सकते हैं। इसकी वजह यह है कि यूटी ने अपनी भूमि की प्रति एकड़ कीमत 64 करोड़ केंद्र को बताई है। ऐसे में यदि हरियाणा नए विधानसभा भवन के लिए 10 एकड़ जमीन खरीदता है तो उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
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