इस योजना में हिसार, करनाल, पानीपत, रोहतक, यमुनानगर, अंबाला, जींद, थानेसर, सिरसा, कैथल, कालका, रेवाड़ी, नारायणगढ़, झज्जर और नरवाना शहरों का चयन किया गया है। इसमें हिसार, करनाल, पानीपत, रोहतक, यमुनानगर, अंबाला शहरों को 2.5 लाख से ज्यादा आबादी वाले और जींद, थानेसर, सिरसा, कैथल, कालका, रेवाड़ी, नारायणगढ़, झज्जर और नरवाना शहरों को 2.5 लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में रखा गया है।
जिन शहरों की आबादी 2.5 लाख से अधिक होगी, वहां स्वयं सहायता समूह प्रत्येक दिन 30 सैंपल विभाग की लैब में टेस्ट के लिए भेजेंगे। प्रतिदिन 10 लीकेज की पहचान कर विभाग के अधिकारियों को सूचित किया जाएगा। इसके साथ ही 10 खराब कनेक्शन चिन्हित कर विभाग को सूचित करेंगे, जिस पर विभागीय अधिकारियों द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जा सकेगी।
जिन शहरों की आबादी 2.5 लाख से कम है, वहां स्वयं सहायता समूह प्रतिदिन 15 सैंपल विभाग की लैब पर टेस्ट के लिए देंगे। इसके अलावा प्रतिदिन 5 लीकेज की पहचान कर विभाग के अधिकारियों को सूचित करेंगे। इसके साथ ही 5 खराब कनेक्शन चिन्हित कर विभाग को सूचित करेंगे, इस पर विभागीय अधिकारियों द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
चयनित स्वयं सहायता समूह को ट्रेनिंग दी जाएगी। अमृत-2 योजना के तहत शहर में न केवल पेयजल आपूर्ति व सीवरेज व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा, बल्कि आमजन को पेयजल संरक्षण, जल शुद्धता जांच, लीकेज फ्री व खराब कनेक्शन के प्रति जागरूक किया जाएगा।