बॉलिवुड की दिग्गज ऐक्ट्रेस शबाना आजमी 18 सितंबर 1950 को अपना 70वां जन्मदिन मना रही हैं। साल 1950 में पैदा हुईं शबाना दो चीजें विरासत में मिलीं, पिता कैफी आजमी से शायरी और शब्दों का गुलदस्ता, जबकि मां शौकत आजमी से अभिनय की कला। जाहिर है कि ऐसे महौल में पली-बढ़ी शबाना में बचपन से भी कला को लेकर रुचि जगी। हिंदी और बंगाली सिनेमा में 120 से अधिक फिल्में कर चुकीं शबाना ने 1974 में ऐक्टिंग डेब्यू किया। एक दौर ऐसा भी था, जब वह बॉलिवुड में हीरो से भी ज्यादा फीस लेती थीं। लेकिन पर्दे पर सशक्त अभिनय वाली शबाना के लिए शायद ही कोई यह सोच सकता है कि उन्होंने बचपन में एक नहीं, बल्कि दो बार सूइसाइड की कोशिश की थी। कैफी आजमी मशहूर शायर थे, जबकि शौकत आजमी थिएटर आर्टिस्ट। शबाना आजमी की छवि पर्दे से लेकर असल जिंदगी तक एक बेबाक, निडर और सशक्त महिला की रही है। पति जावेद अख्तर के साथ उनकी जोड़ी हमेशा चर्चा में रहती है। शबाना ने 5 बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता है। साल 1983-1985 तक लगातार तीन साल शबाना आजमी ने ‘अर्थ’, ‘खंडहर’ और ‘पार’ के लिए नेशनल अवॉर्ड जीता। 1999 में ‘गॉडमदर’ के लिए भी उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। जबकि इन सब से पहले 1974 में रिलीज ‘अंकुर’ के लिए भी शबाना आजमी ने अपना पहला नेशनल अवॉर्ड जीता था। लेकिन यह शबाना हमेशा से ऐसी नहीं थी। शबाना आजमी की मां शौकत आजमी की अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘कैफी एंड आई, मेमॉयर’ में शबाना से जुड़ी कई बातों का खुलासा किया है। साल 2005 में आई इस ऑटोबायोग्राफी में शौकत बताती हैं कि शबाना बचपन में उनसे नाराज रहती थीं। शबाना को लगता था कि मां उनसे कम और उनके भाई बाबा आजमी से ज्यादा प्यार करती हैं। बचपन में एक बार जब मां ने बाबा को जल्दी स्कूल भेजने के कारण शबाना के प्लेट से टोस्ट उठाकर उन्हें दे दिया तब भी शबाना बाथरूम में जाकर खूब रोई थीं। तब उनकी उम्र 9 साल थी। शौकत अपनी ऑटोबायोग्राफी में बताती हैं, ‘एक बार शबाना स्कूल की लेबोरेटरी में गई और कॉपर सल्फेट खा लिया। उसकी बेस्ट फ्रेंड परना ने बताया कि शबाना ने उससे कहा है कि मां बाबा को ज्यादा प्यार करती हैं और यह बात खुद मां ने बताई है। मैंने तब निराशा अपना सिर पकड़ लिया।’ दूसरी बार शबाना की फैमिली के होश तब उड़ गए, जब उन्होंने ट्रेन के आगे आकर जान देने की कोशिश की। शौकत अपनी किताब में लिखती हैं, ‘ऐसी घटना एक बार और हुई। मैंने उसके साथ रुखा व्यवहार किया। मैंने नाराजगी में उसे घर से निकल जाने के लिए कह दिया था। मुझे पता चला कि उसने ग्रांट रोड रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के आगे आने की कोशिश की। किस्मत से उसके स्कूल का चौकीदार वहीं था। उसने शबाना का हाथ खींच लिया। तब मैंने तय किया कि उसे घर से जाने के लिए कहने से पहले दो बार सोचना पड़ेगा।’ शबाना आजमी बचपन से ही उसूलों की पक्की रही हैं। उन्हें मां-पिता ने जितने पैसे दिए, वह उसी में काम चला लेती थीं। जरूरत होने पर भी नहीं मांगती थीं। मां शौकत ही बताती हैं कि सीनियर कैम्ब्रिज से पास होने के बाद कॉलेज में एडमिशन से पहले शबाना काम करना चाहती थीं। तब उन्होंने 3 महीने पेट्रोल स्टेशन पर कॉफी बेची। इसके लिए उन्हें हर दिन 30 रुपये मिलते थे। दिलचस्प है कि इस बारे में घर पर किसी को नहीं पता था। मां शौकत रिहर्सल में बिजी रहती थीं। एक दिन शबाना ने अपने कमाए सारे पैसे मां को लाकर दिए, तब इस बारे में जानकारी मिली। शबाना आजमी जब फिल्मों में आईं तो जैसे आते ही छा गईं। फिल्मी करियर के दौरान उनका नाम शेखर कपूर के साथ खूब जुड़ा। खुद शबाना ने भी एक इंटरव्यू में कुबूल किया कि वह डायरेक्टर शेखर कपूर के साथ रिलेशनशिप में रही हैं। उनका ब्रेकअप भी आपसी सहमति से हुआ था। इसी तरह साल 2004 में एक इंटरव्यू के दौरान शबाना ने माना कि शशि कपूर उनके क्रश थे। इसी इंटरव्यू में शबाना ने जावेद अख्तर के साथ अपने रिश्तों को लेकर भी बात की। जावेद अख्तर पहले से शादीशुदा थे। हनी ईरानी उनकी पत्नी थीं। दो बच्चे भी थे- फरहान अख्तर और जोया अख्तर। शबाना कहती हैं, ‘जावेद अक्सर अब्बा के पास पोएट्री लेकर आते थे और सलाह लेते थे। वह कुछ मजाकिया, अच्छे जानकार और कई मायनों में अब्बा के जैसे लगे। यही वजह है थी कि मैं अट्रैक्ट हुई। वह शादीशुदा थे, इसलिए हमने कई बार ब्रेकअप की कोशिश की। लेकिन बाद में जावेद ने पहली पत्नी से तलाक लिया और 9 दिसंबर 1984 को हमारी शादी हो गई।’